नाहन 4 सितंबर: डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज (Dr. YS Parmar Medical College Nahan) में 70 वर्षीय कोरोना पॉजिटिव बुजुर्ग महिला की मौत हो गई है। तड़के ही बुजुर्ग महिला के शव को पावंटा साहिब क्षेत्र के गांव में अंतिम संस्कार के लिए भेज दिया गया था। हालांकि कुछ हफ्ते पहले नाजुक हालत में शिमला रैफर (refer) की जा रही महिला की भी एंबुलेंस (Ambulance) में मौत हो गई थी, लेकिन मेडिकल कॉलेज में आज पहली मौत रिकॉर्ड हुई है। शिमला रैफर की जा रही महिला की स्क्रीनिंग रिपोर्ट पॉजिटिव (Screening report positive)आई थी, जबकि बाद में 14 अगस्त की शाम को आई रिपोर्ट में महिला को अंतिम संस्कार के बाद नेगेटिव बताया गया था।
एक महत्वपूर्ण जानकारी यह भी है कि मेडिकल कॉलेज का गायनी वार्ड सील कर दिया गया है, क्योंकि तीनों ही स्त्री रोग विशेषज्ञों ने पावंटा साहब से रैफर हुई एक गर्भवती महिला (Pregnant lady) का सिजेरियन (Cesarean) करवाया। सवाल इस बात पर उठ रहा है कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन (Administration) द्वारा तीनों ही स्त्री रोग विशेषज्ञ को इस सिजेरियन में तैनात कर दिया गया, जबकि इस बात का बखूबी पता था इसके बाद तीनों को ही क्वारंटाइन (Quarantine) होना पड़ सकता है।
बीती रात सिरमौर में कोरोना संक्रमण के 26 मामले सामने आए थे। इसमें चार मामले साईं अस्पताल (Sai Hospital) के हैं। यहां फीमेल स्टाफ के चार सदस्य संक्रमित पाए गए। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज की 2 स्टाफ नर्स (Staff nurse)भी पॉजिटिव आई। कुल मिलाकर अहम बात यह भी है कि खतरा कोरोना से कम, बल्कि लड़खड़ा रहे हेल्थ सिस्टम (Health system)से पैदा हो गया है।
उल्लेखनीय है कि एसडीएम कार्यालय (SDM Office) का एक कानूनगो को भी संक्रमित पाया गया था। इसके बाद एसडीएम कार्यालय को भी सेनिटाइज (Sanitize) किया गया। गनीमत इस बात की थी कि संक्रमित होने से पहले कानूनगो ड्यूटी पर नहीं आ रहा था। उधर साईं अस्पताल को भी सील कर दिया गया है। इसी बीच मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर के के पराशर (Chief Medical Officer)ने मेडिकल कॉलेज में एक बुजुर्ग महिला की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि प्रोटोकॉल( protocol) के तहत महिला के शव को घर भेज दिया गया है। उन्होंने माना कि मेडिकल कॉलेज में यह कोरोना से पहली मौत हुई है। इससे पहले दो संक्रमितों ने शिमला में दम तोड़ दिया था। इसके अलावा ऑफ द रिकॉर्ड नवजात शिशु व एक अन्य महिला की मौत भी हुई है। राजगढ़ में एक बुजुर्ग का निधन पीजीआई (PGI)से वापस आने के बाद घर पर ही हुआ था, लेकिन इसे भी हिमाचल के स्वास्थ्य विभाग ने अपने रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया है।
उधर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एनके महेंद्रू का कहना था कि तीन स्त्री विशेषज्ञों की ड्यूटी जरूरी थी। उनसे जब यह पूछा गया कि एक की ड्यूटी भी लगाई जा सकती थी तो इसका गोलमोल जवाब मिला। वहीं बाकी मामला मेडिकल अधीक्षक पर डाल दिया। जब मेडिकल अधीक्षक डॉक्टर एनके भारद्वाज से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
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