शिमला 19 अगस्त : एसएमसी शिक्षकों को 5 महीने से वेतन नहीं मिला है। इससे नाराज एमएसी शिक्षकों(SMC Teachers) ने ऑनलाइन कक्षाएंonline classes) बंद करने की घोषणा कर दी है। इसके अलावा इन शिक्षकों ने राज्य सरकार को 3 दिन का अल्टीमेटम देते हुए स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। राज्य के सरकारी स्कूलों में 2613 एसएमसी शिक्षक सेवारत हैं। हाल ही में प्रदेश उच्च न्यायालय ने इन शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द करने का फैसला सुनाया है।
एसएमसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज रौंगटा ने बुधवार को शिमला में प्रेस वार्ता में कहा कि 2613 एसएमसी शिक्षकों ने आज से बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं लेना बंद कर दिया है। बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए शिक्षक अप्रैल से लेकर अगस्त महीने तक बिना वेतन के पढ़ा रहे थे।
उन्होंने प्रदेश सरकार से तीन दिनों के भीतर एसएमसी शिक्षकों को लेकर स्थिति स्पष्ट करने की मांग उठाते हुआ और कहा कि मुख्यमंत्री(CM Jai Ram Thakur) और शिक्षा मंत्री (Education Minister Govind Singh Thakur)आश्वासन दे रहे हैं कि वे एसएमसी शिक्षकों के साथ है। शिक्षकों को आश्वासन नहीं चाहिए। सरकार तीन दिनों के भीतर अपनी स्थिति स्पष्ट करें, कि वे इस दिशा में क्या करना चाहते हैं।
प्रदेश हाईकोर्ट के एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे आर्थिक रूप से इतने सशक्त नहीं हैं कि हाईकोर्ट के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनोैती दे सकें। अब उनकी आस केवल सरकार पर है। सरकार 3 दिन के भीतर उन्हें लिखित आश्वासन दे।
एसएमसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मनोज रौंगटा ने बुधवार को शिमला में प्रेस वार्ता में कहा कि 2613 एसएमसी शिक्षकों ने आज से बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं लेना बंद कर दिया है। बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए शिक्षक अप्रैल से लेकर अगस्त महीने तक बिना वेतन के पढ़ा रहे थे।
उन्होंने प्रदेश सरकार से तीन दिनों के भीतर एसएमसी शिक्षकों को लेकर स्थिति स्पष्ट करने की मांग उठाते हुआ और कहा कि मुख्यमंत्री(CM Jai Ram Thakur) और शिक्षा मंत्री (Education Minister Govind Singh Thakur)आश्वासन दे रहे हैं कि वे एसएमसी शिक्षकों के साथ है। शिक्षकों को आश्वासन नहीं चाहिए। सरकार तीन दिनों के भीतर अपनी स्थिति स्पष्ट करें, कि वे इस दिशा में क्या करना चाहते हैं।
प्रदेश हाईकोर्ट के एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे आर्थिक रूप से इतने सशक्त नहीं हैं कि हाईकोर्ट के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनोैती दे सकें। अब उनकी आस केवल सरकार पर है। सरकार 3 दिन के भीतर उन्हें लिखित आश्वासन दे।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार इस पर कोई फैसला नहीं लेती तो संघ तीन दिन बाद अपनी आगामी रणनीति तय करेगा। इसके बाद मजूबरी में वह कोई भी कदम उठाने से गुरेज नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि नौकरी जाने के बाद शिक्षक और उनके परिवार खासे परेशान है। यदि शिक्षकों को कुछ भी होता है तो सरकार इसके लिए जिम्मेदार होगी। उन्होंने कहा कि एसएमसी शिक्षक आरटीई नियमों को पूरा करते हैं, उसके बाद ही नियुक्त किए गए थे।