नाहन, 19 अगस्त : अक्सर विवादों में रहने वाले डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज (Dr. Y.S Parmar Medical College) में कोरोना टैस्टिंग (Corona Testing) को लेकर सवाल उठे हैं। इसी से जुड़ा 21 सैकेंड का एक वीडियो सामने आया है। इसमें साफ तौर पर नजर आ रहा है कि सैंपलिंग के दौरान ग्लव्ज को सेनिटाइज नहीं किया जा रहा। ऐसे में क्या गारंटी है कि सैंपल देने पहुंच रहे लोग कथित लापरवाही से संक्रमित नहीं होंगे। गौरतलब है कि चंद माह पहले आइसोलेशन वार्ड का भी एक वीडियो सामने आया था, जिसमें गंदगी की पोल खोली गई थी।
हाल ही में एक दिवंगत महिला के परिजनों ने भी आरोप लगाया था कि मौत की वजह कोरोना नहीं थी, बल्कि ऑक्सीजन के सिलैंडर खाली होना ही वजह था। उल्लेखनीय है कि महिला की स्क्रीनिंग रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, लेकिन बाद में अंतिम रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। सैंपलिंग के दौरान इस तरह की लापरवाही भारी तो पड़ सकती ही है, मगर इसका खामियाजा मेडिकल कॉलेज प्रशासन या प्रबंधन की बजाय आम लोगों को ही भुगतना पड़ेगा। इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि इस समय अस्पताल में टैस्टिंग के लिए बेहद ही सामान्य लोग ही पहुंच रहे हैं। अभी तक भी सिरमौर में डेडिकेटिड कोरोना अस्पताल अधिसूचित नहीं है।
अहम बात यह भी है कि मोहल्ला गोविंदगढ़ के 218 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, लेकिन 15 से 20 दिन के भीतर ही तमाम लोग ठीक होकर घरों को भी लौट आए। उस समय भी सैंपलिंग के दौरान कई तरह के सवाल उठाए गए थे। टैस्टिंग के शुरूआती चरण में ही यह बात भी उजागर हुई थी कि एक्सपर्ट चिकित्सकों की बजाय डेंटल चिकित्सकों को भी सैंपल लेने के लिए लगा दिया गया था। कुल मिलाकर इस मसले पर एमएस या प्रधानाचार्य से बात नहीं हुई है। अगर वो इस मामले पर कोई स्पष्टीकरण देते हैं तो प्रकाशित किया जाएगा।
https://youtu.be/EBMw8zgq_g0