नाहन, 20 अगस्त : कश्मीर घाटी के बारामुला में आतंकवादियों (Militant) से मुठभेड़ (Encounter) में दो जवान शहीद (Martyr) हो जाते हैं। एक उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर (Mirzapur) का रहने वाला शहीद रवि कुमार (Shaheed Ravi Kumar) था तो दूसरा हिमाचल प्रदेश (Himachal Pardesh) के सिरमौर जिला के धारटीधार (Dhartidhar) क्षेत्र के ठाकर गवाना गांव का प्रशांत ठाकुर (Shaheed Prashant Thakur)। मगर एक बड़ा अंतर सामने आया है। उत्तर प्रदेश (Utter Pardesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Aaditya Nath) ने शहीद रवि कुमार के परिवार को बगैर विलंब के ही 50 लाख रूपए की आर्थिक सहायता व एक परिजन को सरकारी नौकरी का ऐलान तो किया ही, साथ ही शहीद के सम्मान में जनपद की एक सडक़ का नामकरण रवि कुमार के नाम पर करने की घोषणा भी की। इसके विपरीत हिमाचल में अपने बेटे की शहादत को लेकर ऐसी कोई भी घोषणा वीरवार तक भी नहीं की गई। हालांकि एक्सग्रेसिया (अनुग्रह) राशि के तहत राज्य में भी 20 लाख के प्रावधान की बात कही जा रही है, लेकिन दो राज्यों में असमानता कैसे हो सकती है। यहां तो शहीदों की शहादत में पूरी समानता है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने योगी आदित्यनाथ का टिवटर अकाउंट खंगाला तो उनकी घोषणाओं पर मुहर लगी। आपको बता दें कि शहीद प्रशांत ठाकुर के धारटीधार इलाके में सडक़ों की हालत बेहद ही खस्ता है। इसका ज्वलंत उदाहरण हाल ही में एक निजी बस हादसे के दौरान भी सामने आया था। यही नहीं, निजी बस के चालक के शव को डंडों पर ढोने का वीडियो भी धारटीधार इलाके का ही था। बहरहाल, उम्मीद की जानी चाहिए कि हिमाचल (Himachal) की जयराम सरकार (Jairam government) शहादत को असल मायने में नमन करने का बीड़ा उठाएगी। परिवार को आर्थिक मदद के साथ-साथ सरकारी नौकरी तो मिलेगी ही, साथ ही समूचे इलाके की सडक़ों की हालत को सुधार कर सरकार शहीद प्रशांत ठाकुर (Martyr Parshant Thakur) को सच्चे मायनों में श्रद्धांजलि देगी। हालांकि यह जरूर बताया जा रहा है कि शहीद के अंतिम संस्कार के लिए 15 हजार रूपए की राशि जारी की गई है।
https://youtu.be/HdG1XjG3qUY
उल्लेखनीय है कि मंगलवार सुबह एमबीएम न्यूज नेटवर्क द्वारा सबसे पहले सिरमौर के 24 वर्षीय लाल प्रशांत ठाकुर की शहादत का समाचार प्रकाशित किया गया था। इसके बाद सत्ता व विपक्ष के नेताओं द्वारा धड़ाधड़ फेसबुक(Facebook) पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई थी। उधर बताया यह भी जा रहा है कि सडक़ों की खस्ताहालत की वजह से शहीद की पार्थिव देह को छोटे वाहन में ही लाया गया। बुधवार को शहीद की पार्थिव देह पैतृक गांव नहीं पहुंच पाई। इसी बीच देहरादून के मिलिट्री अस्पताल में आज सुबह पुष्पांजलि अर्पित (Wreath Ceremony) के बाद पैतृक गांव रवाना किया गया। करीब 12 बजे के आसपास जैसे ही शहीद की पार्थिव देह यमुना नदी को पार कर हिमाचल में प्रवेश हुई, वैसे ही नदी का छोर देशभक्ति के रंग में रंग गया। पुष्प बरसात से समूची पांवटा घाटी ने शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए।