शिमला (एमबीएम न्यूज): प्रदेश हाईकोर्ट ने कोर्ट के ओदेशों की अनुपालना न करने पर प्रदेश यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. पंकज ललित को निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं। यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू किए गए। आदेशों में कहा गया कि शनिवार सुबह साढ़े दस बजे से उक्त अधिकारी रजिस्ट्रार का कार्य करना बंद करे।
न्यायधीश राजीव शर्मा व न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने अदालती आदेशों की हो रही अवमानना पर कड़ा संज्ञान लेते हुए उपरोक्त आदेश परित किए। अपने आदेशों में कोर्ट ने कहा कि प्रदेश सरकार सहित सरकार के अधीन आने वाले अन्य उपक्रमों के अधिकारियों में कोर्ट के आदेश की उल्लंघना करने की आदत पैदा होती जा रही है। कोर्ट द्वारा दिए गए तय सीमा के भीतर तो क्या सालों तक अदालतों के आदेशों की अनुपालना नहीं हो रही है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह सरकार व अन्य अधिकारियों का कर्तव्य है कि वह तत्परता व मुस्तैदी से न्यायालयों के आदेशों की अनुपालना करे। रजिस्ट्रार द्वारा अदालती आदेशों की अनुपालन न करने को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने उपरोक्त टिप्पणी की।
मामले के अनुसार प्रार्थि बरडु राम 20 अक्तुबर 1994 को बतौर दैनिक भोगी कर्मचारी लगा। उसी दिन एक अन्य कर्मचारी भी नियुक्त हुआ। 8 जून 1999 को दूसरे कर्मचारी को नियमित कर दिया गया, जबकि प्रार्थी को 12 अप्रैल 2006 को नियमित किया गया। प्रार्थी ने याचिका दायर मांग की कि उसे भी उसी दिन से नियमित किया जाए, जब से उसके साथ लगे कर्मचारी को नियमित किया गया था। हाईकोर्ट ने प्रार्थी की याचिका स्वीकार करते हुए प्रार्थी को 8 जून 1999 से नियमित माने जाने के आदेश पारित किए और सभी लाभ देने के आदेश यूनिवर्सिटी को दिए। हाईकोर्ट ने यह आदेश 12 मई को पारित किए। प्रार्थी ने जब इस फैसले का लाभ लेने के लिए यूनिवर्सिटी से गुहार लगाई तो यूनिवर्सिटी की ओर से कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई।
प्रार्थी ने फैसले की कॉपी वाईस् चांसलर व रजिस्ट्रार को कई बार दी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। प्रार्थी ने एक बार फिर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए अनुपालना याचिका दायर की। इस याचिका की सुनवाई के दौरान यूनिवर्सिटी की ओर से बताया गया कि उन्होने कोर्ट के फैसले के खिलाफ खण्डपीठ के समक्ष अपील दायर की है। न्यायलय ने 24 सितंबर को आदेश पारित कर यूनिवर्सिटी को आदेश दिए कि वह प्रार्थी को उसकी याचिका में दिए गए फैसले का लाभ दे। कोर्ट ने यह भी कहा कि फैसले का लाभ यूनिवर्सिटी की ओर से दायर अपील के अंतिम निपटारे पर निर्भर करेगा। रजिस्ट्रार ने इन आदेशों की अनुपालना भी नहीं की। प्रार्थी ने कोर्ट को बताया कि यूनिवर्सिटी की अपील में कोई स्थगन आदेश परित नहीं किया गया है।
मामले के रिकॉर्ड का अवलोकन करने पर कोर्ट ने पाया कि रजिस्ट्रार ने कोर्ट के आदेशों की उल्लघंना की है, जिस कारण उन्हें तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया। कोर्ट ने यूनिवर्सिटी को प्रार्थी की अनुपालना याचिका का जवाब दायर करने के लिए दो सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया । मामले पर सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।