सोलन, 16 अगस्त : बीबीएन में कोरोना स्प्रैड को लेकर पुलिस ने जियो टैगिंग की तकनीक का इस्तेमाल करना भी शुरू कर दिया है। इससे पुलिस को पैटर्न समझने में मदद मिलेगी। कुछ इलाकों को चिन्हित किया गया है। हाउसिंग बोर्ड कालोनी के फेज-3 को प्राथमिकता दी गई है। इसमें रैड डॉटस का गूगल मैप पर मतलब होगा, होम आइसोलेशन। जबकि ग्रीन डॉटस बताएंगे कि रोगी को कोविड केयर सुविधा हासिल हो गई है। बड़े आकार का डॉट इस बात को इंगित करेगा कि उस स्थान पर नए मामले सामने आए हैं।
इसके अलावा पॉजिटिव पाए गए रोगियों के प्राइमरी कॉन्ट्रैक्ट की निगरानी भी संभव हो जाएगी। पुलिस ने जियो टैगिंग को लेकर प्रचार भी शुरू किया है, ताकि लोग उन स्थानों से दूरी बना सकें, जहां से अधिकतर मामले सामने आ रहे हैं। इस पूरे सिस्टम को नालागढ़ के डीएसपी ने तैयार किया है, जिसे पूरे बीबीएन में लागू किया गया है। इसमें पुलिस स्पॉट से इंफोर्मेशन को अपडेट करती है। इसके बाद जीपीएस लोकेशन स्वत: ही डाटा बेस में आ जाती है, जो स्क्रीन पर रिफलेक्ट होती है। इसका अधिकारी समय-समय पर आंकलन भी कर सकते हैं।
बद्दी के एसपी रोहित मालपानी का कहना है कि जियो टैगिंग की तस्वीरों को मीडिया से जागरूकता के मकसद से शेयर किया जा रहा है। ताकि लोग उन क्षेत्रों से खुद का बचाव कर सकें, जहां अधिक मामले सामने आ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि इस समय बीबीएन ही हिमाचल में कोरोना का सबसे बड़ा केंद्र है। मामूली सी चूक भारी पड़ती है। रविवार रात 7:30 बजे तक सोलन जनपद में एक्टिव मामलों की संख्या 355 पहुंची है। इसमें से 85 फीसदी मामले बीबीएन के ही हैं।
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