नाहन,02 अगस्त : वैश्विक महामारी में 15 जुलाई का दिन शहर के लिए तनाव पैदा करने वाला था। सबसे पहले मेडिकल कॉलेज(Dr YS Parmar Medical college) में दाखिल मोहल्ला गोविंदगढ़(Mohalla Govindgarh) की गर्भवती महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद मोहल्ले में संक्रमण का आंकड़ा 31 जुलाई तक 250 के आसपास पहुंच गया, मगर अब तनाव के बादल तेजी से छंटने लगे हैं। 26 जुलाई को राजधानी के अस्पताल में गर्भवती महिला की रिपोर्ट नेगेटिव आ गई थी। उसके बाद प्रसूति के मकसद से उसे कमला नेहरू अस्पताल में(KNH) दाखिल कर दिया गया।
31 जुलाई की दोपहर महिला की गोद में बेटे की किलकारी गूंजी। आप यह भी जानकर अच्छा महसूस करेंगे कि नवजात बच्चे के पिता की रिपोर्ट भी उसके जन्म से चंद घंटों पहले नेगेटिव आ गई। हालांकि 26 जुलाई को पिता की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, लेकिन 30 जुलाई को तीसरी रिपोर्ट नेगेटिव आई। 31 जुलाई को पिता को शिमला में ही डिस्चार्ज कर दिया गया था। अब चंद रोज में दंपति अपने नवजात शिशु को लेकर घर लौट आएगा। बेहद ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले इस परिवार को राजधानी में मसीहा के तौर पर रविंद्र सिंह मिले, जिन्होंने तीमारदारी तो की ही, साथ ही हर जरूरत को भी पूरा किया। क्योंकि संक्रमित होने की वजह से पति अपनी पत्नी की तिमारदारी नहीं कर सकता था।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में मोहल्ला गोविंदगढ़ के रहने वाले राम सिंह ने कहा कि वह भगवान से बेटी की दुआ मांग रहे थे, मगर कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। उन्होंने बताया कि ढाई साल के बेटे को इस समय मामा संभाल रहे हैं। उल्लेखनीय है कि एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने पहले ही इस बात का खुलासा किया था कि जिस तरीके से संक्रमितों की संख्या में उछाल आया है, ठीक उसी तरह से चंद रोज में तमाम संक्रमित कोरोना की जंग जीतना शुरू कर देंगे। ठीक ऐसा हो भी रहा है।
हालांकि सटीक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, लेकिन बताया जा रहा है कि मोहल्ला गोविंदगढ़ के 80 से 90 लोगों ने कोरोना को मात देने में सफलता अर्जित कर ली है। नवजात शिशु(Infant) के पिता ने मोहल्ले के लोगों को भी मदद करने पर आभार प्रकट किया है। उनका कहना था कि कंटेनमेंट जोन में रहने के बावजूद भी मोहल्ले के लोगों ने उनको शिमला में मदद पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास किया। बता दे कि 30 मई को नाहन अस्पताल में सिजिरयन डिलीवरी के बाद एक महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, लेकिन जन्म लेने वाले शिशु की रिपोर्ट नेगिटिव थी। इस मामले के बाद ही अस्पताल में दाखिल गर्भवती महिलाओ की टेस्टिंग का सिलसिला शुरू हुआ था। गोविंदगढ़ की महिला की भी अस्पताल में दाखिल रहने के दौरान सैंपलिंग की गई थी।
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