ज्वालामुखी ( मोनिका शर्मा): नगर परिषद ज्वालामुखी के कुल सात वार्डों में 4 महिलाओं के लिए आरक्षित होने से कईयों के मंसूबों पर पानी फिर गया है। सबसे अधिक मौजूदा पार्षद प्रभावित हुए हैं, जो चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। लेकिन पहले ही झटके में भाजपा को इसका लाभ मिलता नजर आ रहा है। यही वजह है कि भाजपा आज ही इस मामले में सक्रिय हो गई है। पूर्व मंत्री रमेश धवाला ने बैठक कर हर वार्ड से पार्टी समर्थित एक ही प्रत्याशी मैदान में उतारने पर जोर दिया। हालांकि सत्तारूढ़ दल कांग्रेस अभी इस मामले में कुछ नहीं कर पाई है।
विधायक संजय रतन की राजनीति की दशा व दिशा भी यह चुनाव तय करेंगे। वह अपने आपको तभी साबित कर पाएंगे, जब नगर परिषद में उनके समर्थकों का दबदबा हो व अध्यक्ष भी उनकी पसंद का चुन कर आए। इस बार नगर के वार्ड न0 1 देवी तालाब महिला अनारक्षित, वार्ड न0 2 अर्जुन नागा महिला अनारक्षित, वार्ड न0 3 मालीवारा मोहल्ला महिला अनारक्षित, वार्ड न0 4 गीता भवन अनुसूचित जाति पुरूष, वार्ड न0 5 गणेश कालोनी अनारक्षित, वार्ड न0 6 अष्टभुजा अनारक्षित तथा वार्ड न0 सात इंदिरा कालोनी, महिला के लिए आरक्षित होगा।
लिहाजा बदले समीकरणों में मौजूदा अध्यक्षा अनिल प्रभा अपने पांच नंबर वार्ड के बजाए एक नंबर वार्ड से चुनाव लडऩे जा रही हैं। प्रभा भले ही कांग्रेसी हैं, लेकिन स्थानीय विधायक से उनका छत्तीस का आंकड़ा किसी से छिपा नहीं हैं। वह इस बार भी अध्यक्ष पद पर दावेदारी जता सकती हैं, जिससे उनकी कोशिश होगी कि उनके सर्मथक चार पार्षद चुन कर आएं। यह तभी हो पाएगा, जब विधायक विरोधी कांग्रेसी व भाजपा अपास में हाथ मिला लें।
वार्ड नंबर दो से भाजपा की मनीषा शर्मा मैदान में उतर रही हैं। मनीषा का यहां बोलबाला है। मनीषा भी भाजपा शासनकाल में नगर परिषद की अध्यक्षा रह चुकी हैैं। यही हाल वार्ड नंबर छह व सात में है। दोनों जगह भाजपा प्रत्याशियों के चक्रव्यूह को भेदना कांग्रेस के लिये टेढ़ी खीर साबित होगा।