नाहन: इसमें कोई दोराय नहीं है कि शहर के मोहल्ला गोविंदगढ़ के लोग नाहन की अर्थव्यवस्था में एक अहम भूमिका निभाते हैं। हर एक व्यक्ति रोजाना की मजदूरी से घर का चूल्हा जलाता है। अब पिछले कई रोज से न केवल कंटेनमेंट जोन में आ चुके हैं, बल्कि कम्युनिटी स्प्रेड की चपेट में भी नजर आ रहे हैं। वैश्विक महामारी के शुरुआती चरण में इस मोहल्ले के ही वह जांबाज युवक थे, जिन्होंने संपूर्ण लॉकडाउन के समय सामाजिक संस्थाओं से जुड़कर गरीबों को घर-घर तक राशन पहुंचाया।
सिख नौजवान समिति शहर की एक अग्रणी समाज सेवा के संस्था भी है। अब जब यह मोहल्ला खुद परेशानी में है तो लाजमी तौर पर संस्थाओं को सामने आना चाहिए, ताकि यह तो सुनिश्चित कर लिया जाए कि इनके घर का चूल्हा जलता रहें। हालांकि इस मोहल्ले से कुछ लोग सरकारी सेवाओं में भी है, लेकिन 90 फ़ीसदी लोगों का गुजर-बसर रोज की दिहाड़ी से ही चलता है। अनलॉक-2 में मोहल्ले के दर्जनों लोगों को आजीविका योजना के तहत 120 दिन का रोजगार हासिल हुआ था,जो अब छिन गया है।
निश्चित तौर पर प्रशासन भी यह सुनिश्चित कर रहा होगा कि कंटेनमेंट जोन में रह रहे मोहल्ला गोविंदगढ़ के लोगों को खाने व अन्य परेशानी का सामना ना करना पड़े। इसमें भी कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि मोहल्ले के किसी भी शख्स ने जान-बूझकर ऐसी परिस्थिति को उत्पन्न नहीं किया, जिसकी दहलीज पर आज यह मोहल्ला खड़ा है। अब तक यह कहा जा रहा है कि सबसे पहले मिली गर्भवती महिला का भाई लुधियाना से मोहल्ले में एक शादी समारोह में हिस्सा लेने आया था।
कुल मिलाकर अब देखना यह है कि कौन लोग इनकी मदद को सामने आते हैं। बता दें इस मोहल्ले के लोग न केवल ड्राइविंग बल्कि दुकानों में काम करने, गैस सप्लाई व मजदूरी इत्यादि के बूते शहर की आर्थिक व्यवस्था में भी अपना योगदान देते हैं। इसके अलावा सब्जियों व राशन इत्यादि की सप्लाई भी पर अपना गुजर – बसर करते हैं। यही नहीं, रक्तदान जैसे पुण्य में भी आगे रहते हैं। फिलहाल आंकड़े पुख्ता तौर पर उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन इस मोहल्ले की आबादी दो से अढाई हजार के बीच की है।
गौरतब है की रत शहर के मोहल्ला गोविंदगढ़ में 26 संक्रमितों को त्रिलोकपुर कोविड-19 में शिफ्ट करने को लेकर भी अफरा-तफरी मची हुई थी । स्वास्थ्य विभाग संक्रमितों की पहचान करने में कंफ्यूज नजर आ रहा है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क को मिली पुख्ता जानकारी के मुताबिक पहले कुछ संक्रमितों को एंबुलेंस में बिठा दिया गया लेकिन बाद में उन्हें उतार दिया गया।