शिमला: हिमाचल प्रदेश निजि शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के अध्यक्ष(Chairman of Himachal Pradesh Private Educational Institutions Regulatory Commission) के चयन को लेकर कवायद तेज हो गई है। इस पद के लिए दो दर्जन से अधिक दावेदारों के नाम सामने आए हैं। आयोग में अध्यक्ष के अलावा रिक्त चल रहा सदस्य का एक पद भी भरा जाना है। इन दोनों पदों के लिए आवेदन करने वालों में 10 पूर्व आईएएस(IAS) हैं।
अध्यक्ष के लिए सेवानिवृत आईएएस अधिकारी अरुण शर्मा का नाम सबसे ऊपर चल रहा है। आयोग के नए अध्यक्ष और सदस्य की नियुक्ति को लेकर पिछले कल शुक्रवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सचिवालय में बैठक हुई। प्रधान सचिव तकनीकी शिक्षा केके पंत और शिक्षा सचिव राजीव शर्मा ने बैठक में भाग लिया। इस दौरान अध्यक्ष व सदस्य पद के लिए आए नामों पर चर्चा हुई।
30 जून को अध्यक्ष केके कटोच और सदस्य एसपी कत्याल का कार्यकाल समाप्त हो गया। ऐसे में सरकार ने इन पदों के लिए आवेदन मांगे थे, जिस पर बैठक में चर्चा की गई। इस पद के लिए सेवानिवृत्त नौकरशाहों के अलावा विश्वविद्यालय के शिक्षक तक के करीब 26 दावेदार है, जिन्हाेंने इन दाेनाें पदाें के लिए आवेदन किया है। रिटायर्ड आईएएस अरूण शर्मा भी अध्यक्ष पद की दौड में सबसे आगे । वह सरकार में सचिव शिक्षा पद पर भी आसीन रहे हैं। नियामक आयोग के अध्यक्ष और सदस्य पद के लिए शैक्षणिक योग्यता के साथ शिक्षा क्षेत्र का अनुभव अनिवार्य है। आवेदनकर्ता या तो शिक्षाविद होना चाहिए या फिर सचिव स्तर पर तीन साल का अनुभव हो। ये नियुक्ति तीन साल या 65 वर्ष की आयु के लिए की जाएगी।
हिमाचल में नियामक आयोग का गठन वर्ष 2010 में हुआ था। इसके दायरे में 17 निजी विश्वविद्यालयों के अलावा 345 अन्य निजी शिक्षण संस्थान हैं।