शिमला, 16 जुलाई : स्वास्थ्य विभाग घोटाले में घिरने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ने वाले राजीव बिंदल अब नए विवाद में फंस गए है। उन पर विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए कई पदों की भर्तियों में भाई-भतीजाबाद का आरोप लगा है। राजीव बिंदल दो साल तक विधानसभा अध्यक्ष रहे। इसी साल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर जनवरी के महीने में उन्होंने विस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था।
माकपा के तेजतर्रार विधायक राकेश सिंघा ने विधानसभा में छह पदों की भर्तियों में धांधली का आरोप तत्कालीन स्पीकर राजीव बिदंल पर जड़ा है। शिमला में प्रेस वार्ता में राकेश सिंघा ने खुलासा किया कि विधानसभा में नियमों को ताक पर रखकर लॉ ऑफिसर का नया पद सृजित कर अपने संबंधी व निजी सचिव की बेटी को भर्ती किया गया। इसके अलावा 3 भर्तियाँ अपने चुनाव क्षेत्र नाहन व एक भर्ती सोलन से की गई। जबकि एक भर्ती भाजपा उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम गुलेरिया के भतीजे की है।
सिंघा ने कहा है कि सहायक लाइब्रेरियन के पद पर जिस महिला की भर्ती हुई है वह डॉ. बिंदल के सोलन नगर परिषद भर्ती वाले मामले से जुड़े एक व्यक्ति की पत्नी है। इसके अलावा जूनियर ट्रांसलेटर के पद पर भी उनके विधानसभा क्षेत्र सिरमौर से भर्ती हुई है। विधान सभा में दो चौकीदार और एक फ्राश का पद भी भरा गया है। विधानसभा में एक चौकीदार के पद पर तो भाजपा उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम गुलेरिया के भतीजे को ही भर्ती कर दिया।
माकपा नेता ने सवाल उठाए कि क्या इन पदो के लिए कोई और योग्य उम्मीदवार नही थे। उन्होंने मामले की मुख्यमंत्री से न्यायिक जांच की मांग उठाई है। उन्होंने यह भी कहा कि विजिलेंस की जितनी भी जाँच आज तक हुई उनका कोई नतीजा नही निकल पाया। उन्हें सूचना है कि सरकार स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले में भी लीपापोती कर क्लीन चिट देने की फिराक में है। इसलिए मामले की न्यायिक जांच ही ताकि सच्चाई सामने आ सके।