ऊना : भविष्य निर्माता कहे जाने वाले शिक्षक अब कोरोना के इस संकट भरे दौर में भी अपनी सेवाएँ देने के लिए आगे आए है। जिला प्रशासन द्वारा ऊना उपमंडल के तहत आने वाले प्रवेश द्वारों, क्वारंटाइन केंद्रों और रेलवे स्टेशन पर अध्यापकों की तैनाती की गई है। आज से 50 अध्यापकों ने प्रशासन द्वारा बताए गए स्थानों पर अपनी सेवाएं शुरू भी कर दी है। जिला प्रशासन द्वारा अध्यापकों को बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की डेटा एंट्री के साथ-साथ क्वारंटाइन केंद्रों और प्रवेश द्वारों पर बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की सुविधाओं का ध्यान रखने की जिम्मेदारी सौंपी है।
इससे पहले जिला प्रशासन द्वारा इस कार्य के लिए राजस्व कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी लेकिन अब राजस्व से जुड़े कार्यालय शुरू होने के बाद प्रशासन ने अध्यापकों की सेवाएं लेना शुरू किया है। इसके लिए बाकायदा जिला प्रशासन द्वारा अध्यापकों को एक दिन की ट्रेनिंग भी दी गई है। फिलहाल जिला प्रशासन द्वारा ट्रायल के आधार पर ऊना उपमंडल में अध्यापकों को ड्यूटी सौंपी है। अगर यह ट्रायल सफल रहता है तो जिला के अन्य स्थानों पर भी अध्यापक बतौर कोरोना योद्धा सेवाएं देते नजर आएंगे।
डीसी ऊना संदीप कुमार ने कहा कि अध्यापकों ने स्वंय इस कोरोना काल में सेवाएं देने का प्रस्ताव दिया था जिसके बाद जिला प्रशासन द्वारा शिक्षकों को जिम्मेदारी दी गई है। डीसी ने कहा कि अध्यापकों की इन सेवाओं को जिला के लोग सदैव याद रखेंगे। वहीँ नई जिम्मेवारी मिलने पर ऊना के अध्यापक भी खासे उत्साहित है। अध्यापकों की माने तो उन्हें गर्व है कि जिला प्रशासन द्वारा उन्हें राष्ट्र की सेवा का मौका दिया गया है। अध्यापकों ने कहा कि प्रशासन ने जो जिम्मेदारी उन्हें दी है वो उसे बखूबी निभाएंगे।
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