नाहन : वातावरण की शुद्धि के लिये आसपास जितने पेड होगे, उतना ही वायु मण्डल स्वच्छ होगा। इसकी बदौलत शुद्ध वायु और शुद्ध जल (Pure Air and Water) मिलेगा। इसी कड़ी में मंगलवार को सिरमौर (Sirmour) मे वन विभाग द्वारा एक विशेष पहल शुरू की गई है, जिसके अतंर्गत जहां पहूंचना मुश्किल होता है, वहां पर पेड- पौधो को लगाने के लिए “सीड बॉल”(Seed Ball) द्वारा पौधारोपण का अनूठा प्रयास किया गया है। मिटटी व खाद में बीज मिलाकर सीड बॉल(Seed Ball) तैयार किया जाता है तथा सडको के किनारे व मुश्किल रास्तो पर इसे फैंक दिया जाता है। जैसे ही बीज को नमी मिलती है पौधा तैयार हो जाता है। इसमें अमलतास(Amaltas) का एक पौधा है जिसकी “सीड बॉल” वन विभाग द्वारा तैयार किया गया।
यह पौधा आक्सीजन के साथ-साथ फूल भी प्रदान करता है। यह एक खूबसूररत पौधा है जिसमें पीले रगं के सुन्दर फूल लगते है जो मई-जून के में भीषण गर्मी (Scorching heat) के दौरान इलाके की शान बढाते है और प्रर्यटको को अपनी ओर आर्कषित करते है। यह एक औषधीय पौधा भी है। इसके फूलों के औषधीय गुणों से पेट की अन्य बीमारियों के साथ-साथ कब्ज को दूर करने में भी सहायता मिलती है। डीसी डॉ आर परुथी ने बताया कि सीड बॉल के माध्यम से जहां पौधो की संख्या बढेगी वहीं लोगो को आस-पास फूल उपलब्ध होगे तथा वातारण भी शुद्ध होगा।
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मुख्य अरण्यपाल बीएस राणा ने बताया कि वन विभाग(Forest Department Himachal) द्वारा हिमाचल में पहली बार नाहन वन वृत के अतंर्गत अमलताश के पौधो के बीजो को मिटटी के बॉल में डालकर राष्ट्रीय राज मार्गो (National Highway) के किनारे बिखराव किया। जिसमें 2000 गोले बनाये गये थे, जिन्हे नाहन- कालाअंब तथा नाहन पांवटा राष्ट्रीय राज मार्गो पर बिखेरा गया। उन्होने बताया कि अधिकारियों को इन पौधो का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये हैं ताकि पता चल सके कि इन पौधो का जीवता अनुपात क्या है। यदि इन पौधो की जीवता अनुपात अच्छी होगी तो आने वाले सालो में इन्हे और अधिक क्षेत्रो में लगाया जाएगा।
उन्होने बताया कि एनजीटी के निर्देशानुसार के सभी राज्य मार्गो को सुन्दर व स्वच्छ रखने के लिए मुहिम आरम्भ की गई है, जिसके अतंर्गत इन सभी मार्गो को सुन्दर रखने के लिये यह मुहिम कारगर सिद्ध होगी।
इस अवसर पर एसडीएम विवेक शर्मा, वन मण्डल के सहायक अरण्यपाल वेद प्रकाश, वन मण्डलाधिकारी पांवटा साहिब कुणाल अंग्रीश सहित विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। रोचक बात यह भी है कि मुहिम पर शाम के समय कुदरत ने उस समय मोहर लगा दी जब मेघ बरसाकर इन “सीड बॉल्स” को ऑक्सीजन दी।