शिमला : बहुचर्चित छात्रवृति घोटाले में सीबीआई ने मंगलवार को शिमला में हिमाचल सरकार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी से घंटों पूछताछ की। सीबीआई ने जिस अधिकारी से पूछताछ की है, उनके पास पूर्व में शिक्षा से संबंधित कार्यभार था। सूत्रों ने बताया कि आईएएस से करीब 4 घंटे तक सीबीआई के अधिकारियों ने गहन पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किए। सीबीआई ने आईएएस को पूछताछ के लिए अपने दफ्तर में बुलाया था। हालांकि सीबीआई द्वारा आईएएस से पूछताछ की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई।
गौर हो कि सीबीआई ने 9 मई 2019 को इस घोटाले में एफआईआर दर्ज कर तफ्तीश को आगे बढ़ाया और इसी साल 3 जनवरी को तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इसमें शिक्षा विभाग के तत्कालीन अधीक्षक ग्रेड.2 अरविंद राजटा, केसी गु्रप ऑफ इंस्टीट्यूशन के वाइस चेयरमैन हितेश गांधी और एक बैंक के तत्कालीन हैड कैशियर एसपी सिंह शामिल हैं।
इस घोटाले में सीबीआई ने गत 30 मार्च को अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में 12 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें आधा दर्जन आरोपित शिक्षा महकमे के अधिकारी व कर्मचारी हैं, जो कि घोटाले के वक्त शिक्षा निदेशालय शिमला में कार्यरत थे।
छात्रवृति से जुड़ी एक शिकायत के बाद राज्य के शिक्षा महकमे ने जांच की तो साल 2013-14 से 2016-17 तक 2.38 लाख एससी/एसटी और ओबीसी के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति जारी करने के दौरान हुई गड़बड़ी की बात सामने आई। इसी दौरान 2772 शिक्षण संस्थानों को छात्रवृत्ति बंटी, जिसमें 266 निजी शिक्षण संस्थान शामिल थे। सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। यह घोटाला करीब 250 करोड़ का है।