नाहन : सोचिए, प्रसव पीड़ा से कराह रही एक गरीब महिला सुरखता बेगम की हालत क्या होगी, जिसे पहले डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज से गायनी वार्ड ठप होने की वजह से पांवटा साहिब रैफर कर दिया गया, यहां से उसे सोलन रैफर कर दिया जाता है। इसी बीच 108 एंबुलेंस द्वारा कोविड-19 हैल्थ सेंटर के प्रभारी डॉ. संदीप शर्मा को सूचित किया जाता है कि सराहां से आगे महिला को ले जाने के लिए एंबुलेंस की आवश्यकता होगी। डॉक्टर साहब इसके लिए सहमति देते हैं, लेकिन 108 एंबुलेंस कर्मियों को लंबे सफर की वजह से महिला का चैकअप करवाने का आग्रह करते हैं।
पांवटा साहिब से महिला को सराहां पहुंचाया जाता है। डॉ. संदीप शर्मा महसूस करते हैं कि महिला को दाखिल किया जा सकता है, हालांकि पहले से अस्पताल में दाखिल लोग इसका विरोध भी करते हैं, क्योंकि वह कोरोना संक्रमण को लेकर भयभीत थे, लेकिन सब कुछ सेटल कर लिया जाता है। सोमवार दोपहर 2 बजे के आसपास अस्पताल में गरीब महिला एक स्वस्थ बेटे को नॉर्मल डिलीवरी से जन्म दे देती है। बता दें कि पांवटा साहिब के गाइनेकोलॉजिस्ट को नाहन में ड्यूटी ज्वाइन करने के आदेश दिए गए थे पर इसे धत्ता बताकर वह मेडिकल लीव पर चले गए। इसका असर यह हुआ कि गायनी की सुविधाएं नाहन के साथ-साथ पांवटा साहिब में भी ठप हो गई।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने जांच की तो पता चला कि मई व जून महीने में अस्पताल की जिम्मेदारी संभालने के साथ-साथ स्टाफ ने 30 प्रसूतियो को सफलतापूर्वक किया है। नेक सोच में अस्पताल की स्टाफ नर्स उपासना व रुचिका के इलावा मिडवाइफ शिला व निशा भी अपना सहयोग प्रदान कर रही है। गौरतलब बात यह भी है कि कोविड-19 हैल्थ सेंटर में पहले से ही स्टाफ की जबरदस्त किल्लत हैं। इसी के चलते ड्यूटी जॉइन करने वाले चिकित्सकों व स्टाफ नर्स को वेतन रोकने की चेतावनी भी जारी की गई थी। कमाल की बात देखिए, जहां डेपुटेशन के आर्डर मिलते ही एक चिकित्सक को मेडिकल लीव पर जाना पड़ता है तो दूसरी तरफ एक चिकित्सक ऐसे भी हैं जो 3 महीने से न केवल कोविड-19 अस्पताल की जिम्मेदारी को निभा रहे हैं, बल्कि वार्ड में दाखिल मरीजों को भी सही उपचार उपलब्ध करवा रहे हैं। बता दे, बीएमओ डॉ संदीप शर्मा तीन माह से नॉन स्टॉप ड्यूटी कर रहे है।
अस्पताल से मिली जानकारी के मुताबिक डॉ. संदीप शर्मा अक्सर रात को ड़ेढ़ से 2 बजे तक भी ड्यूटी करने में परहेज नहीं करते हैं। इमरजेंसी में कॉल मिलने पर चंद मिनटों में अस्पताल पहुंच जाते हैं। असल मायनों में ऐसे ही चिकित्सक कोरोना वारियर्स हैं, जिनकी पहचान कर सरकार को प्रोत्साहित करना चाहिए।
उधर, जब सराहां के खंड स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संदीप शर्मा को संपर्क किया गया तो उन्होंने बड़ी सहजता से जवाब देते हुए कहा कि वह अपनी ड्यूटी पूरी शिद्दत से करने का प्रयास कर रहे हैं।
अलबत्ता उन्होंने बताया कि पांवटा साहिब से सोलन रैफर की गई महिला को चैकअप के लिए सराहां अस्पताल लाया गया था, जांच के बाद लगा था कि नार्मल डिलीवरी हो सकती है। लिहाजा उसे रविवार को दाखिल कर लिया गया। जिसने सोमवार को एक बेटे को जन्म दिया। महिला नाहन विकासखंड के भेड़ों गांव (मात्तर ) की रहने वाली है। बता दें कि भेड़ों एक ऐसा इलाका है, जहां गरीबी के साथ-साथ लोग बाहरी दुनिया से अलग-थलग ही रहते हैं।