बिलासपुर: लॉकडाउन के दौरान हर कोई इस कोशिश में था कि घर पर समय व्यतीत करने के नए तरीके ईजाद किए जाएं। यहां मंडी मणबा गांव के दो नन्हें बालकों ने अपनी एनर्जी के साथ सूझबूझ का बखूबी इस्तेमाल किया। पड़ोसी दोस्तों सुमित व साहिल ने गत्ते की पेटियों व वेस्ट सामग्री के साथ इतनी बेहतरीन तरीके से मालवाहक ट्रक बना दिए कि अगर आपको इसकी तस्वीर दिखाई जाए तो आप इसे असल ही समझेंगे। लॉकडाउन में छुट्टियों के दौरान सुमित व साहिल कुछ हटकर करने की कोशिश में लगे हुए थे। आखिर में कामयाब भी हुए।
मालवाहक ट्रकों के मॉडल को एक खिलौने की तरह चलाया भी जा सकता है। महामारी में माता-पिता के लिए दोनों ही बालक आय का भी साधन बने हैं। साहिल के पिता संजय पेशे से ट्रक ड्राईवर हैं, लिहाजा साहिल का ट्रकों के प्रति गहरा लगाव रहा है। उसने ट्रक बनाने की कोशिश की, जिसमें ट्रक की पूरी बॉडी व टायर जोड़े।
दिलचस्प बात यह है कि साहिल ने जब दोनों ट्रकों को बनाकर अपने घर की छत पर रखा तो वहां से गुजरने वाले राहगीरों ने उन्हें खरीद लिया। इससे बच्चों का मनोबल बढ़ गया। साथ ही उन्होंने अब ज्यादा ट्रक तैयार करने की ठान ली है। माता-पिता का कहना है कि वो बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं ताकि जीवन में एक कामयाब इंजीनियर बन सकें। साहिल की तरह सुमित भी इस तरह के मॉडल बनाने में माहिर है।
कुल मिलाकर हरेक बच्चे में कुछ हटकर करने का कुदरती टैलेंट होता है, बशर्ते की इसे भांप कर तराशा जाए। सुमित की मां आरती का कहना है कि वो बच्चों के सृजनात्मक कार्य से बेहद ही खुश हैं। उनका कहना है कि बच्चों के जीवन का पहला लक्ष्य बेसिक पढ़ाई पूरा करना होना चाहिए।