सुंदरनगर : कोरोना संकट के बीच हिमाचल प्रदेश में सेनेटाइजर घोटाले के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने अपने पद से इस्तीफा दिया तो दूसरी ओर पूरे मामले को लेकर राजनीति गर्म हो गई। कांग्रेस के पूर्व सीपीएस व विधायक रहे सोहन लाल ठाकुर ने भाजपा पर जुबानी हमला करते हुए कहा कि बीते दिनों प्रदेश में कोरोना महामारी के दौरान एक बहुत बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। जिस कारण प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने अपना त्यागपत्र दिया है। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण को भाजपा के साथ जोड़ा जा रहा है, जिस कारण डॉ. राजीव बिंदल ने अपने त्यागपत्र देने के पीछे नैतिकता का बहाना बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में हुए भ्रष्टाचार को लेकर इस प्रकार की नैतिकता प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को दिखानी चाहिए। सोहन लाल ठाकुर ने कहा कि इस सरकार के इतने बड़े आला अधिकारी का ऑडियो वायरल होने बाद गिरफ्तारी होने पर मुख्यमंत्री को नैतिकता दिखानी चाहिए थी। इस त्यागपत्र प्रकरण से ऐसा प्रतीत होता है कि करे कोई और और भरे कोई और। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार मामले को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री को भी नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए था।
हैैैरानी की बात यह है कि भ्रष्टाचार सरकार के उस विभाग में हुआ है जो वर्तमान में प्रदेश के मुख्यमंत्री के द्वारा ही देखा जा रहा है। सोहन लाल ठाकुर ने कहा कि यह घोटाला उस समय हुआ है जब पूरा विश्व कोरोना महामारी के संक्रमण से जूझ रहा है। हर इंसान अपनी इंसानियत का परिचय देते हुए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री कोविड-19 राहत कोष में अंशदान दे रहा है। ठाकुर ने आरोप लगाया है कि आम जनता की ओर से इस महामारी से उभरने के लिए अंशदान दिया जा रहा है। इस धन का सही तरीके से उपयोग नहीं हुआ है। उन्होंने इस मामले में हुई खरीद-फरोख्त की उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की है।
उन्होंने कहा इस भ्रष्टाचार मामले की जांच तभी हो सकती है जब प्रदेश सरकार इसे अपने स्तर पर ले। लेकिन हिमाचल सरकार खुद इस मामले में लिप्त है तो ऐसे में मामले की निष्पक्ष जांच होने की उम्मीद नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा है कि इस महामारी के चलते आम जनता से अंशदान के रूप में इक्ट्ठा किए गए धन की एक-एक पाई का हिसाब सरकार द्वारा आमजन को दिया जाना चाहिए।