शिमला /सोलन: हालांकि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के पद से डाॅ. राजीव बिंदल ने खुद इस्तीफे की वजह को नैतिकता बताया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी इसी बात को दोहराया है। मगर राजनीतिक हलकों में कई तरह के संशय चल रहे हैं। बताया जाता है कि डाॅ. बिंदल के करीबियों का एपेक्स डाइग्नोस्टिक अस्पताल भी है। साथ ही मेडिकल उपकरणों की सप्लाई भी की जाती है।
एपेक्स डाइग्नोस्टिक में ही मार्किटिंग मैनेजर के पद पर तैनात पृथ्वी सिंह द्वारा ही स्वास्थ्य निदेशक को 5 लाख रुपए के कथित लेन-देन को लेकर काॅल की गई थी। हालांकि बाद में पृथ्वी सिंह ने मीडिया में इस बात को भी कबूल किया था कि काॅलर वही थे। यही एक वजह थी कि बार-बार डाॅ. राजीव बिंदल कांग्रेस के निशाने पर आते रहे। यह भी रहस्य बना हुआ है कि एपेक्स डाइग्नोस्टिक के मार्किटिंग मैनेजर पृथ्वी सिंह की बदौलत ही जब स्वास्थ्य निदेशालय में भ्रष्टाचार की पोल खुली। फिर भी बिंदल पर गाज क्यों गिरा दी गई। सिरमौर के रेणुका विधानसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले पृथ्वी सिंह का विजिटिंग कार्ड भी जमकर वायरल हुआ, जिसमें वो खुद को एपेक्स डाइग्नोस्टिक के मार्किटिंग मैनेजर बता रहे हैं।
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दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट को मानें तो निदेशालय में भ्रष्टाचार की चिंगारी प्रधानमंत्री कार्यालय तक भी पहुंची, जहां से एक अधिकारी को कोरोना के दौरान उपकरणों व सेनिटाइजर इत्यादि की खरीद की जांच के लिए भेजा गया है। नाहन हलके के विधायक डाॅ. राजीव बिंदल से इस्तीफे की वजह को लेकर सवाल पूछा गया तो केवल इतना कहा कि आपको वीडियो मिल गया होगा। रिश्तेदार के अस्पताल को लेकर सवाल पूछने का प्रयास किया गया, लेकिन तब तक वो फोन डिस्कनेक्ट कर चुके थे।
कुल मिलाकर अब देखना यह भी है कि समूचे प्रकरण में डाॅ. राजीव बिंदल द्वारा नैतिकता का तर्क देकर दिए गए इस्तीफे को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजूर करते हैं या नहीं। गौरतलब है कि डायरेक्टर को काॅल करने वाले पृथ्वी सिंह भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं।