ऊना : कौन कहता है, सास-ससुर बेटी के मां-बाप नहीं बन सकते। अब समाज बदल रहा है, इसके उदाहरण भी देखने को मिल रहे हैं। ऐसा ही ताजा उदाहरण ऊना में देखने को मिला है। यहां पांच वर्ष पहले सास-ससुर जिस लड़की को बहू बनाकर लाए थे। उसे अब बेटी की तरह विदा कर दिया। गगरेट के अंबोटा गांव के सेवानिवृत शिक्षक गुलशन कुमार के इकलौते बेटे उमेश की शादी करीब 5 साल पहले हुई थी। शादी के बाद उनके बेटे के घर एक बेटी ने जन्म लिया। घर में अचानक हुई एक दुर्घटना में गुलशन कुमार के बेटे का निधन हो गया। बेटे के गुजर जाने के बाद सारा परिवार गमगीन हो गया और महज 26 साल की उम्र में विधवा हुई उनकी बहू पूनम उर्फ सिमरन का तो संसार ही उजड़ कर रह गया।
चूंकि गुलशन कुमार खुद शिक्षक रहे इसलिए बहू को बीए के बाद बीएड की शिक्षा दिलवाई, ताकि अपने पैरों पर खड़ी हो सके, लेकिन भरी जवानी में पहाड़ जैसी जिंदगी का बोझ लेकर पूनम कैसे आगे बढ़ेगी। इसकी चिंता भी उन्हें सताने लगी। इसी बीच गुलशन कुमार व उनकी पत्नी अंजू ने बड़ा फैसला ले लिया। फैसला यह था कि पूनम की जिंदगी बर्बाद नहीं होने देंगे और बहू को बेटी बनाकर विदा किया जाएगा। हालांकि सास-ससुर के फैसले पर पूनम भी हैरान थी, लेकिन गुलशन कुमार ने इस बावत अपने समधी से बात की और बहू के लिए एक रिश्ता ढूंढ निकाला।
जाड़ला कोयड़ी गांव का रंजीत सिंह पूनम के साथ शादी को तैयार हो गया। हालांकि गुलशन कुमार चाहते थे कि बहू को बेटी बनाकर धूमधाम से विदा करेंगे, लेकिन कोरोना काल के बीच उनका यह सपना तो पूरा न हो सका, सादगी के साथ पूनम का कन्यादान कर नया रिश्ता जरूर पैदा कर लिया। उनके इस निर्णय की लोग जमकर सराहना कर रहे हैं।