मंडी : सोशल मीडिया पर इन दिनों नीजि स्कूलों को लेकर लोग खुलकर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। अधिकतर अभिभावक लिख रहे हैं कि नीजि स्कूल ऑनलाइन स्टडी के नाम पर फीस उगाही करने में लगे हुए हैं। नीजि स्कूलों की लगातार हो रही फजीहत के बीच मंडी और चंबा के दो नीजि स्कूलों ने काबिल-ए-तारीफ वाला निर्णय लिया है। इन दोनों स्कूलों का संचालन कांगड़ा जिला के नगरोटा सूरियां निवासी पुरिंद्र राणा करते हैं।
मंडी की कोटली तहसील के फागला गांव में गुरूकुल पब्लिक स्कूल और चंबा के सिहूंता उपमंडल के समोठ गांव में भारतीय पब्लिक स्कूल के नाम से नीजि स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। यह दोनों स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद हैं और इनमें 550 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। पुरिंद्र राणा ने बताया कि उनके स्कूलों में अधिकतर ऐसे अभिभावकों के बच्चे हैं जो मजदूरी करके अपना गुजारा चलाते हैं। ऐसे में लॉक डाउन की स्थिति में इन पर कोई आर्थिक बोझ न पड़े, इसी उद्देश्य से दो महीनों की फीस माफ करने का निर्णय लिया गया है। दो महीनों की फीस माफ करने और लॉक डाउन के दौरान सैलरी देने पर स्कूल प्रबंधन को साढ़े 10 लाख की राशि का अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ेगा, जिसे स्कूल प्रबंधन अपने स्तर पर करने जा रहा है।
पुरिंद्र राणा ने बच्चों की फीस माफी के साथ ही एक और अहम निर्णय भी लिया है। इन्होंने लॉक डाउन के दौरान अध्यापकों और अन्य कर्मचारियों की सैलरी को न काटने का ऐलान किया है। दो महीनों तक स्कूल बंद रहेंगे और फीस भी नहीं ली जाएगी लेकिन अध्यापकों और कर्मचारियों को उनकी सैलरी बीना किसी रूकावट के मिलती रहेगी। वहीं स्कूल प्रबंधन बच्चों को मुफ्त में ऑनलाइन पढ़ाई भी करवा रहा है। इसके लिए स्कूल ने अपनी एक वैबसाइट और एप भी बनाई है जिसमें सारा सिलेबस डाला गया है। वहीं बच्चों के अभिभावकों को सभी अध्यापकों के नंबर दिए गए हैं यदि किसी विषय से संबंधित कोई जानकारी चाहिए हो तो सीधे अध्यापकों से संपर्क किया जा सकता है।