शिमला : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद हिमाचल प्रदेश में भी आगामी 3 मई तक लाॅकडाउन-कर्फ्यू जारी रहेगा। राज्य सरकार ने कर्फ्यू को लेकर तीन पन्नों की अधिसूचना भी जारी की है। इस दौरान पूरे प्रदेश में लोगों को माॅस्क लगाना अनिवार्य होगा। लोग होममेड माॅस्क का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। माॅस्क न लगाने वालों के चालान होंगे और उनके विरूद्व अभियोग भी चल सकता है। राज्य सरकार लाॅकडाउन व कोरोना की स्थिति की 20 अप्रैल को समीक्षा करेगी।
इसके बाद कुछ क्षेत्रों में कर्फ्यू-लाॅकडाउन में रियायत दी जाएंगी। यह तभी होगा, जब अगले छह-सात दिन कोई कोरोना पाॅजिटिव केस नहीं आता है। सरकार आईजीएमसी, टांडा मेडिकल काॅलेज व सीआरआई कसौली के अलावा पालमपुर व नेरचौक में भी जल्द कोरोना टैस्टिंग की सुविधा शुरू करेगी। राज्य में सभी प्रशासनिक सचिव और विभागाध्यक्षो का अपने-अपने कार्यालयों में आना जरूरी रहेगा।
उधर अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी धीमान ने आज शिमला में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि राज्य सरकार द्वारा गठित कोविड-19 फंड में लोग बढ़चढ़ कर दान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह फैसला लिया है कि सभी सरकारी अनुबंध व नियमित कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काट कर कोविड फंड में जाएगा। कहा कि राष्ट्रीय आपदा की इस घड़ी में संपन्न लोगों के पास कोविड फंड में अंशदान कर राष्ट्र ऋण से मुक्त होने का यह मौका है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में वेंटीलेटर की कोई कमी नहीं है। वर्तमान में यहां 75 वेंटीलेटर मौजूद हैं। इसके साथ ही आठ हजार पीपीई किट भी उपलब्ध है। बददी से संबंधित दिल्ली की महिला की पीजीआई मे कोरोना से मौत के रिकार्ड पर उन्होंने कहा कि इसमें छिपाने वाला कुछ नहीं है। कोरोना से होने वाली मौतों का रिकार्ड स्वास्थ्य मंत्रवालय के आदेश पर उसी प्रयोगशाला में दर्ज होता है, जहां उसकी सैंपलिंग होती है। उन्होंने कहा कि अगर पीजीआई प्रशासन इस महिला की मौत को अपने रिकाॅर्ड में नहीं ले रहा है, तो वे इसे लेकर पीजीआई प्रशासन से बात करेंगे।
उन्होंने कहा कि कोरोना संभावितों की प्रदेश में काफी मात्रा में सैंपलिंग की जा चुकी है। कोरोना पाॅजिटिव के संपर्क में आने वाले और बाहरी राज्यों से आने वाले लोग शामिल हैं। तब्लीगी जमात के लोगों की सैंपलिंग पूरी हो चुकी है और बाहर से आने वाले सभी तब्लीगी जमातियों व उनके संपर्क में आने वाले लोगों की सैंपलिंग को लेकर वे पूरी तरह आश्वसत हैं। सरकार ने सैंपलिंग का दायरा बड़ा दिया है और फलू के लक्षण मिलने वालों की भी सैंपलिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन में भी आईजीएमसी अस्पताल में अधिकांश ओपीडी को अब खुली रहने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही यह भी फैसला लिया गया है कि आईजीएमसी में गंभीर अवस्था में ही कोरोना मरीज को रैफर किया जाएगा।
एक सवाल के जवाब में धीमान ने कहा कि जो लोग हिमाचल से बाहर फंसे हैं, वो वहीं पर रहें। उन्होंने कहा कि मार्च माह के आखिरी हफते में राज्य की सीमाओं पर क्वारंटीन किए गए लोगों को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद अब होम क्वारंटीन में शिफ्ट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने तय किया है कि कोरोना पाॅजिटिव मरीजों को 14 दिन तक अस्पताल में रखा जाएगा और इसके बाद दो बार उसके सैंपल लिए जाएंगे।
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