नाहन : हालांकि शहर में परचून की दुकानों में भी सेनेटाइजर बिक रहा है, लेकिन शहर के दवा विक्रेताओं ने सराहनीय पहल की है, ताकि सेनेटाइजर व मास्क बेचने की आड़ में कालाबाजारी न हो। शायद, यही कोशिश रंग ला रही है कि शहर में सेनेटाइजर व मास्क की किल्लत नहीं है। तकरीबन 45 दवा विक्रेताओं द्वारा 100 एमएल सेनेटाइजर मात्र 50 रुपए में उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसी तरह 200 एमएल की कीमत 100 रुपए है। पहले इसे 150 से 190 रुपए में बेचा जा रहा था।
इसके अलावा दवा विक्रेताओं द्वारा क्वालिटी मास्क की कीमत महज 10 रुपए निर्धारित की गई है। कोरोना संकट के शुरू होने के दौरान मास्क की कीमत 40 से 60 रुपए तक भी वसूली गई। दीगर है कि सरकार ने भी 100 एमएल सेनेटाइजर की कीमत को 50 रुपए निर्धारित किया था। इसकी पालना दवा विक्रेताओं द्वारा बेहतरीन तरीके से की जा रही है। दामों में गिरावट के पीछे एक अहम वजह यह भी है कि दवा विक्रेता इस संकट की घड़ी में कमाई की बजाय जन सेवा में अहम भूमिका निभाना चाहते हैं। जहां तक लाभांश का सवाल है तो मात्र 3 से 5 प्रतिशत ही मार्जन है।
नाहन कैमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश मल्होत्रा व कोषाध्यक्ष धीरज गर्ग का कहना है कि शहरवासियों को सेनेटाइजर व मास्क को लेकर चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर गरीब व्यक्ति पैसे देने में भी असमर्थ होगा तो भी इम्दाद की जाएगी।