संगड़ाह : उपमंडल में मजदूरों की हालत लगातार खराब हो रही है। काम बंद होने तथा कर्फ्यू के चलते सैज गांव मे जहां 17 राजस्थानी मज़दूरों के पास खाद्य सामग्री समाप्त हो चुकी है, जबकि सहारनपुर के मजदूर लगभग 130 किलोमीटर की पैदल यात्रा पर निकल पड़े। रविवार को जनता कर्फ्यू के बाद क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही बंद होने के चलते सैंज गांव में मुसीबत में फंसे राजस्थान के 17 मजदूरों को समाजसेवी प्रो. रविंद्र शर्मा द्वारा खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाई गई। गांव सैंज में सड़क निर्माण का काम कर रहे उक्त मजदूरों के पास न तो पैसे बचे हैं और न ही खाने-पीने की चीजें।
एसडीएम द्वारा लॉकडाउन से प्रभावित लोगों की मदद के लिए बनाए गए ग्रुप में शामिल प्रोफेसर रविंद्र शर्मा व मील मालिक जितेंद्र चौहान द्वारा क्षेत्र के गांव-गांव में राशन पहुंचाने के लिए गाड़ियों की भी व्यवस्था की गई है। सायं 3 बजे संगड़ाह से सहारनपुर के लिए निकले 10 मजदूरों के अनुसार उन्होंने सुबह से कुछ नहीं खाया है। मजदूरों के अनुसार ठेकेदार द्वारा एक सप्ताह पूर्व जनता कर्फ्यू के दिन उन्हें घर जाने को कहा जा चुका था, मगर वह अब तक बसें अथवा गाड़ियां चलने का इंतजार कर रहे थे। खाने पीने की चीजें व पैसे खत्म होने के बाद मजदूर पैदल ही सहारनपुर के लिए निकल पड़े।
संगड़ाह के साथ लगते गांव बोरली में पूर्व प्रधान रामलाल शर्मा द्वारा इन्हें खाना खिलाया गया, हालांकि वह रूकने को राजी नहीं हुए। करीब 130 किलोमीटर की दूरी तय करने में उन्हें तीन दिन का वक्त लग जाएगा। हल्की बारिश के चलते क्षेत्र में एक बार फिर ठंड शुरू हो चुकी है। इससे पूर्व बुधवार रात गांव कशलोग से भी बिहार के दर्जन भर मजदूर पैदल ही अपने राज्य के लिए निकल चुके हैं। एसडीएम राहुल कुमार ने कहा कि तालाबंदी के चलते फंसे लोगों की सूचना मिलने पर स्थानीय स्कूल या कॉलेज में उनके रहने व खाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि लौट रहे मजदूर रुकने को तैयार नहीं थे।