नाहन: शहर से चंद किलोमीटर दूर शिमला मार्ग पर मजदूरों की दो टोलियां पैदल ही चलती मिली। सिर पर बोझ उठाए मजदूरों के पांव में छाले तक पड़ गए थे। तीन दिन पहले सोलन के चंबाघाट से उत्तर प्रदेश के सहारनपुर अपने घर के लिए पैदल ही निकले थे। कर्फ्यू में आपातकालीन डयूटी पर चल रहे वाहन भी उन्हें नहीं ला सकते थे।
जैसे-तैसे नाहन पहुंचे तो पुलिस ने हालत देखकर इम्दाद की। खाना भी खिलाया। साथ ही वैरीफिकेशन भी हुई। दरअसल, मजदूरों को वाया नाहन ही शॉटकट पड़ना था। आगे निकलने के बाद वाया कालाअंब या फिर पांवटा साहिब से दूरी नापनी पड़ती। इत्तफाक से रास्ते में मजदूरों की मुलाकात रैडक्रॉस सोसायटी के चालक व समाजसेवी राम सिंह से हो गई। इसके बाद राम सिंह ने भी मदद के हाथ बढ़ाए। पुलिस भी ऐसे बेबस, गरीब मजदूरों के लिए पूरी तरह से सकारात्मक रवैया अपनाए हुए है। पूछने पर बताया कि रास्ते में जहां जगह मिली, वहीं रात बिता ली। सरकार भी बार-बार आग्रह कर रही है कि कर्फ्यू से प्रभावित ऐसे गरीब मजदूरों की मदद के लिए हाथ जरूर बढ़ाएं।