मंडी : राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश के क्रशर मालिकों की मांगों को मान लिया है। मांगे पूरी होने के बाद क्रशर मालिकों ने अपनी प्रदेशव्यापी हड़ताल को समाप्त कर दिया है। यह जानकारी क्रशर ऑनर्ज कौंसिल हिमाचल के अध्यक्ष अजय राणा ने मंडी में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान दी। इससे पहले मंडी में ही कौंसिल की राज्य स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया जिसमें प्रदेश के सभी जिलों से आए क्रशर मालिकों ने भाग लिया।
अजय राणा ने बताया कि 25 फरवरी 2020 को राज्य सरकार ने एक ऑफिस मैमोरेंडम निकाला था जिसके अनुसार डंपिंग साईट को क्रशर वाले स्थान से एक किलोमीटर दूर बनाने की बात कही गई थी। ऐसा करने से क्रशर मालिकों पर अतिरिक्त खर्च आना था और घाटा झेलना पड़ना था। वहीं लीज लैंड पर खनन के दौरान स्लाईडिंग होने पर सीधे एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए गए थे जबकि पहले नोटिस देकर मुआवजे का ही प्रावधान था। इसी तरह से सरकार के अन्य आदेशों पर भी क्रशर मालिक बिफर गए थे। अजय राणा ने बताया कि सीएम जयराम ठाकुर से मिलने के बाद उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर और विभागीय अधिकारियों के साथ शिमला में मैराथन बैठक हुई, जिसके बाद अब सरकार ने नए आदेशों को वापिस लेते हुए पुरानी स्थिति को बहाल कर दिया है।
उन्होंने बताया कि सरकार ने क्रशर मालिकों की बात को सही ढंग से सुना और उचित समय पर निर्णय लिया जिसके चलते हड़ताल को समाप्त कर दिया गया है। इन्होंने मांगे पूरी करने के लिए सरकार का आभार भी जताया है। अजय राणा ने बताया कि अभी कुछ मांगें सरकार के पास लंबित हैं जिन्हें भविष्य में जल्द पूरा करने का आश्वासन मिला है। इसमें इंटर स्टेट का मामला मुख्य रूप से शामिल है। इन्होंने सीएम जयराम ठाकुर से मांग उठाई है कि उत्तरी भारत के पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों की होने वाली बैठक में इस विषय को पूरी गंभीरता से उठाया जाएग।
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