सोलन : करीब दो साल पहले 29 वर्षीय पुलिस कर्मी कमलहीर की मौसेरी बहन का देहांत हो गया। कमलहीर अपनी बहन को बुलंदियों पर देखने का सपना संजोए था। करीब 17 साल की उम्र में बहन इस तरीके से दुनिया छोड़ जाएगी, उसे मामूली सा भी इल्म नहीं था। धीरे-धीरे इस सदमे से उबर कर कांस्टेबल कमलहीर ने “बेटी बचाओ” पर जागरूकता के मकसद से कुछ करने का फैसला लिया। खास बात यह है कि रूला देने वाले वीडियो एलबम में कमलहीर ने ही मुख्य किरदार निभाया है। साथ ही सुर भी दिए हैं।
चूंकि मौजूदा समय में म्यूजिक व सुरों के तालमेल से बखूबी जागरूकता फैलाई जा सकती है, लिहाजा वीडियो एलबम “कहानी एक बेटी की” बनाने का फैसला लिया। इसमें बेहद ही खूबसूरती से फिल्मांकन किया गया है कि कैसे एक मां ने अपने कलेजे के टुकड़े को झाडि़यों में फैंक दिया था। इसके बाद एक शख्स ने उसकी परवरिश की। वो बेटी जज बन गई। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि कांस्टेबल ने इस वीडियो शूट के लिए किसी से कोई आर्थिक इम्दाद नहीं ली, बल्कि अपनी कमाई से लगभग एक लाख रुपए की राशि को खर्च कर दिया।
कांस्टेबल कमलहीर का कहना है कि पुलिस विभाग में आने से पहले वो कभी-कभार जागरण में गा लिया करते थे। मगर इस वीडियो एलबम का अचानक ही मन में विचार कौंधा। उनका कहना है कि बहन की स्मृति इससे बेहतर कोई भी श्रद्धांजलि नहीं हो सकती।
उन्होंने कहा कि वीडियो से प्रभावित होकर अगर एक माता-पिता भी उनकी बातों से सहमत हो गए तो जीवन में इससे बड़ी कमाई नहीं हो सकती। दीगर है कि ट्रैफिक कर्मी कमलहीर मूलतः सोलन के ही रहने वाले हैं, जबकि मासी व मौसा पंचकूला में सैटल है। एक सवाल के जवाब में उनका कहना था कि बहन को पहले फूड प्वाइजनिंग हुई थी। इसके बाद वो स्वस्थ ही नहीं हो पाई। कुल मिलाकर ऐसे पुलिस कर्मी की सोच को सलाम किया जाना चाहिए।