ऊना : लोक निर्माण विभाग में धरती पर उतर चुके विकास कार्यों के ही टैंडर लगाकर उन्हें चहेतों को आबंटित करने का मामला उजागर हुआ है। विधानसभा क्षेत्र गगरेट के कुआ देवी में इंटरलाक पेवर ब्लाक के मुकम्मल हो चुके कार्य के लोक निर्माण विभाग के भरवाई मंडल के टैंडर आमंत्रित कर इसे फिर से आबंटित कर दिया। पूर्व विधायक राकेश कालिया ने सत्ता की धौंस के साथ अधिकारियों को डरा धमका कर मचाई जा रही खुली लूट करार देते हुए इस मामले की प्रदेश सरकार से उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की है।
बता दें कि दौलतपुर चौक के कुआ देवी मार्ग पर इंटरलाक पेवर ब्लाक पहले से ही लगे हुए हैं। लेकिन 17 फरवरी को इसी काम के करीब पांच लाख रुपये का टैंडर फिर से लोक निर्माण विभाग द्वारा करवा दिया गया और मजेदार बात यह है कि यह टेंडर पहले जिसे मिला था, पुन: अब फिर उसी का ही निकला। पूर्व विधायक राकेश कालिया ने आरोप लगाया कि विधायक राजेश ठाकुर अधिकारियों को डरा धमका कर अपने चहेतों के माध्यम से इस लूट को अंजाम दे रहे हैं। अगर पेवर ब्लाक पहले से लगे थे तो फिर इसका टेंडर ही क्यों आमंत्रित किया गया।
उन्होंने कहा कि यह तो महज एक मामला ही उजागर हुआ है बल्कि सूत्रों की मानें तो ऐसे और भी कई मामले हैं जिनमें पहले से ही हुए कार्यों के टेंडर लगाकर सरकारी धन का गबन किया जा रहा है। नियमानुसार अगर लोक निर्माण विभाग के माध्यम से किसी विकास कार्य को अंजाम भी दिया जाना है, तो पहले उसका एस्टीमेट तैयार होता है और फिर समाचार पत्रों में टेंडर प्रकाशित होने के बाद उसके टैंडर आमंत्रित किए जाते हैं और सबसे कम रेट डालने वाले के नाम पर ही टैंडर आबंटित होता है। उसके बाद ही विभागीय अधिकारियों की देखरेख में निर्माण कार्य तय मानकों के आधार पर ही किया जा सकता है, लेकिन इस मामले में पहले से हुए काम का जिस प्रकार टैंडर लगाकर इसे आबंटित भी कर दिया गया वह अपने आप में बड़ा सवाल है।
राकेश कालिया ने कहा कि विधायक राजेश ठाकुर जवाब दें कि किसके इशारे पर यह गौरखधंधा चला हुआ है और कब से इस प्रकार के टैंडर लगाकर सरकारी खजाने को लूटा जा रहा है। राकेश कालिया ने कहा कि हैरत की बात है कि जयराम सरकार ने विभिन्न सरकारी एजेंसियों के माध्यम से होने वाले विकास कार्यों की निगरानी के लिए अलग से विंग का गठन किया है तो फिर ऐसे गौरखधंधे उक्त विंग की आंखों से कैसे बच रहे हैं। उधर लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता एचएल शर्मा का कहना है कि कुआ देवी में पहले से ही काम चला हुआ था। साइट पर विवाद खड़ा होने के चलते लोगों की डिमांड पर कुछ काम पहले करवाना पड़ा था। इसमें कुछ गलत नहीं है। वहीं विधायक राजेश ठाकुर से बार-बार संपर्क करने पर भी बात नहीं हो पाई।