बद्दी (एमबीएम न्यूज): औद्योगिक क्षेत्र बद्दी के भुड्ड स्थित फार्मा उद्योग में कामगारों का अनशन छठे दिन में प्रवेश कर गया, लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकल पाया है। गनीमत यह है कि जिस इंटक यूनियन से पंजीकरण के मामले को लेकर कामगारों को उद्योग से बाहर किया गया है अब वही इंटक यूनियन कामगारों के साथ खड़ी नजर नहीं आ रही है। ऐसे में टोरेंट फार्मा उद्योग के सैंकड़ों कामगारों को अब उनके अपने हालात पर छोड़ दिया गया है।
बीते छह दिनों से अनशन पर बैठे कामगारों का कहना है कि वह हड़ताल समाप्त नहीं करेंगे, जब तक उद्योग प्रबंधन उनकी मांगे पूरी नहीं करता वह लगातार अनशन पर रहेंगे चाहे उन्हे जितनी परेशानियों झेलनी पड़ें। कर्मियों ने कहा कि उद्योग में इंटक का झंडा लगा है लेकिन अब इंटक उन्हें समर्थन नहीं कर रही है, ऐसे में उन्हें अपनी लड़ाई अकेले लडऩे को मजबूर होना पड़ रहा है। फार्मास्यूटिकल बद्दी के एचआर प्रबंधक ऊमेश दूबे ने कहा कि जांच अधिकारी अभी उद्योग में मौजूद नहीं हैं, उनके आने के बाद ही जांच कारवाई पूरी की जा सकेगी।
पुलिस ने छोड़ा बीच राह
टोरेंट फार्मा उद्योग में भूख हड़ताल पर बैठे सैंकड़ों कामगारों ने शनिवार को कहा कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएंगी वह हड़ताल से पीछे नहीं हटेंगे। टोरेंट फार्मा उद्योग में अनशन पर बैठे चार कामगारों ने कहा कि शुक्रवार को पुलिस उन्हें शाम के समय जबरन नालागढ़ अस्पताल ले गई जहां उन्हें डॉक्टरों ने सही पाया, जबकि वह ये बात पहले से पुलिस को बता चुके थे।
ऐसे में पुलिस उन्हें जबरन वाहन में डालकर अस्पताल तो ले गई लेकिन जब उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया तो पुलिस वहां गायब थी और मरीजों को उनके हाल पर वहीं छोड गई थी। ऐसे में आहत कामगारों ने अपनी व्यवस्था की और देर रात अपने हड़ताल स्थल पर वापस पहुंचे।
निकाले गए 12 कामगार
टोरेंट फार्मा प्रबंधन द्वारा निकाले गए प्रदेश के 12 कामगारों में प्रेम सिंह, प्रमिल शर्मा, रमेश कुमार, नरेश कुमार, अमित कुमार, धर्मपाल, केहर सिंह, प्रदीप, मान सिंह, संजय, पवन कुमार और नीरज कुमार शामिल है। कामगारों का कहना है कि वह हड़ताल को तभी समाप्त करेंगे जब उन्हें उनकी नौकरी वापस मिलेगी।
हमारे कहे सुने में नहीं हैं कामगार: इंटक
इंटक के प्रदेशाध्यक्ष हरदीप बावा ने कहा कि फार्मा में इंटक की कोई पंजीकृत यूनियन नहीं है। वहां कामगार अपनी मनमर्जी कर रहे हैं। हरदीप बावा ने कहा कि टोरेंट फार्मा से सस्पेंड कर्मियों पर जांच बिठाई गई है। कर्मियों की जांच पूरी होने तक उन्हें हड़ताल नहीं करनी चाहिए थी, इंटक इस हड़ताल को समर्थन नहीं करती। उन्होंने कहा कि जांच का फैसला आने के बाद इंटक इस मामले में कोई टिप्पणी कर पाएगी।
उद्योग प्रबंधकों ने कामगारों के घर भेजी चेतावनी
उद्योग प्रबंधक की कामगारों पर नहीं चली तो उन्होंने कामगारों के परिजनों को ही चेतावनी भरे पत्र भेज दिए। उद्योग प्रबंधकों की तरफ से कामगारों के परिजनों से भेजे गए पत्र में लिखा गया है कि वह कामगारों की हड़ताल में उनका पक्ष न लें। कंपनी की तरफ से लिखा गया है कि अगर वह उनका पक्ष लेंगे तो उनका भविष्य खराब हो सकता है।