सुंदरनगर: ग्राम पंचायत रोहांडा का एक मात्र विश्राम गृह वन विभाग की लचर कार्यप्रणाली का शिकार हो गया है। लगभग 27 वर्ष पहले बने इस विश्राम गृह की हालत दयनीय चुकी है। विश्राम गृह की दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई है इस कारण यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा पेश आ सकता है। विश्राम गृह की दीवारों पर नमी है और पेंट भी उखड़ चूका है।
बता दें कि वन विभाग के रोहांडा विश्राम गृह में 2 कमरे है जिनमें एक वीआईपी और सामान्य कमरा हैं। रोहांडा से ही जिला के अराध्य देव कमरूनाग के मूल मंदिर जाने के लिए रास्ता है। वहीं जून माह में प्रत्येक वर्ष बड़ा देव कमरूनाग का सरनाहुली मेला आयोजित किया जाता है और इस मेले में देवता के दर्शन करने के लिए हजारों लोगों का हजूम उमड़ता है। लेकिन इस रेस्ट हाउस की बदहाली को देखकर लोगों में विभाग की लचर कार्यप्रणाली को लेकर रोष व्याप्त है। रोहांडा में रात्रि विश्राम के लिए इस रेस्ट हाउस के अलावा एक अन्य निजी होटल है। लेकिन श्रधालुओं की तादाद अधिक होने के कारण नाकाफी साबित हो रहा है। रेस्ट हाउस में अवस्था को लेकर पंचायत प्रधान रोहांडा प्रकाश चंद ने कहा कि रोहांडा में वन विभाग का एक रेस्ट हाउस है जिसमें दो कमरे हैं। उन्होंने कहा कि यहां प्रत्येक वर्ष कमरूनाग मेले के प्रदेश व बाहरी क्षेत्रों से भी आते हैं। उन्होंने कहा कि इस रेस्ट हाउस के हालात खराब होने के कारण श्रधालुओं को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। पंचायत प्रधान ने वन विभाग से इस रेस्ट हाउस में और अधिक कमरों का निर्माण व मौजूदा भवन की मरम्मत करने की मांग की है।
सुकेत वन मंडल के डीएफओ सुभाष पराशर सेजल दूरभाष के माध्यम से बात हुई तो उन्होंने कहा कि वन विभाग के रोहांडा स्थित रेस्ट हाउस की मरम्मत को लेकर बजट मांगकर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।