रिकांगपिओ : हौंसलों में दम हो, साथ ही कुछ कर गुजरने की चाह हो तो रास्ता खुद ब खुद मिल जाता है। जनपद के कानम गांव की रहने वाली वैशाली नेगी को माता-पिता ने गुजरात विधि की पढ़ाई करने के लिए भेजा था। मगर वैशाली के मन में पायलट बनकर उड़ान भरने की ख्वाहिश आ चुकी थी। लिहाजा, पढ़ाई पूरी करने के बाद मध्य प्रदेश में स्थित चिम्स एविएशन अकादमी में दाखिला लेकर पायलट बनने की राह पकड़ ली।
शिमला के तारा हॉल स्कूल से प्रारंभिक पढ़ाई करने वाली वैशाली को 2012 में मिस हिमाचल का खिताब भी हासिल हुआ था। डगशाई स्कूल से जमा दो करने के बाद विधि की पढ़ाई में प्रवेश किया। दरअसल, पिछले दो दिन से एक फोटो व टैक्स्ट मैसेज सोशल मीडिया में नजर आ रहा था। इसके मुताबिक किन्नौर की रहने वाली एक लड़की कमर्शियल पायलट बनी। चूंकि एक बेटी ने अपने कैरियर को लीक से हटकर चुना था, लिहाजा एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने परिवार की जानकारी जुटाने का प्रयास किया। तब पता चला कि पिता जेसी नेगी 2008 में दूरदर्शन से इंजीनियर के पद से रिटायर हुए थे, जबकि मां निर्मल नेगी एचआरटीसी में क्षेत्रीय प्रबंधक के पद से सेवानिवृत हुई।
पिता जेसी नेगी ने बताया कि इस समय वैशाली एक महीने की ट्रेनिंग पर क्वालालमपुर पहुंची है। 28 फरवरी को वापसी का कार्यक्रम है। उन्होंने बताया कि बेटी का चयन एयर एशिया में पायलट के तौर पर हुआ है। एयर एशिया का बेस कैंप बैंगलोर में है। सितंबर 2019 में अकादमी से पासआउट हुई थी। कुल मिलाकर एक ट्राइबल जिला से ताल्लुक रखने वाली बेटी अब आसमान पर दूरी को नापेगी। ट्रेनिंग के दौरान वैशाली का एक वीडियो भी उपलब्ध हुआ है। इसमें वैशाली ने कहा था कि उड़ान भरने के बाद लैंडिंग का मन नहीं करता है। ऐसा महसूस होता है कि उड़ते ही रहो।
Watch Video : https://youtu.be/79xeYQXvvVM