भुंतर : जीवन के अंतिम पड़ाव में गड़सा में रहने वाला बुजुर्ग कांशी राम नारकीय जीवन जीने को मजबूर है, जबकि उम्र के इस पड़ाव में व्यक्ति को देखभाल की अधिक आवश्यकता है। इस समय खाना-पीना और कपड़ा तो मायने रखता ही है लेकिन देखभाल सबसे जरूरी है। ऐसी अवस्था में बुजुर्ग को शौच आदि जाना, स्नान करना व कपड़े आदि बदलना एक असहाय के बस की बात नही होती। कई बार तो असहाय बुजुर्ग को अपने शौच आदि का कई बार पता ही नहीं चलता तो कपड़े भी खराब हो जाते हैं। इस स्थिति में गंदी बदबू के साथ रहने से बीमारी फैलने का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।
गड़सा घाटी में लगभग 90 वर्ष से ऊपर की आयु का बुजुर्ग लकड़ी के एक खोखे में जीवन गुजार रहा है। इस बुजुर्ग का कोई पता नहीं है कि यह कहां से आए हुए हैं। लेकिन लगभग 30-40 सालों से यह गड़सा व आसपास के एरिया में लोगों के घर में काम करके अपना जीवन निर्वाह करते रहे। मगर जीवन के इस अंतिम पड़ाव में यह बिल्कुल अकेले पड़ गए हैं। इनकी स्मरण शक्ति भी काफी कमजोर हो गई है जिस कारण यह अपना सही जन्म स्थान बताने में भी असमर्थ हैं। इनकी हालत स्थानीय निवासी गोपाल व अंजना ने देखी तो उन्होंने इंसानियत के नाते इनकी देखभाल व खाने-पीने के साथ कपड़े की व्यवस्था का जिम्मा भी उठाया है। वहीं स्थानीय लोग भी कुछ सहायता कर देते हैं।
बुजुर्ग से पूछने पर वह अपना नाम कांशी राम पुत्र सोनम दोरजे बताते है। इनको ठीक से याद भी नहीं है कि उसका गांव कौन सा था। बार- बार पूछने पर उन्होंने बताया कि वह लाहौल में केलंग का रहने वाले है। बचपन में ही घर से निकल गए हैं। भले इंसान गोपाल व अंजू शर्मा इन्हें चौबीस घंटे नहीं देख सकते। शाम को यह लोग भी अपने-अपने घर चले जाते हैं। बुजुर्ग को इस समय सबसे ज्यादा जरूरत वृद्ध आश्रम की है, जहां इनकी देखरेख रात दिन की जा सके। वृद्धाश्रम भेजने के लिए जटिल कागजी प्रक्रिया अभी तक बाधा बनी हुई है।
प्रशासन को भी बुजुर्ग की यथास्थिति से अवगत करवाया गया है ताकि बुजुर्ग को वृद्धाश्रम में सहारा मिल सके। हालांकि बुजुर्ग का हाल जान कर जिला मंडी व सुंदरनगर के एक वृद्धाश्रम के आयोजक इन्हें अपने आश्रम में रखने को तैयार है लेकिन कागजी कार्रवाई बाधा बनी है। अगर जिला प्रशासन सहानुभूति की नजर डालते हुए कागजी प्रक्रिया में सहयोग करें तो बुजुर्ग को सहारा मिल जाएगा और जिंदगी के बचे हुए पल खुशी से जी सकेगा।
Latest
- रेणुका जी झील में डूबे व्यक्ति का शव बरामद, परिजनों ने की शिनाख्त
- बिलासपुर के जंगलों में तीन दिन से लगी है आग, करोड़ों की वन संपदा राख
- चूड़धार जाने से पहले अनिवार्य हुई रजिस्ट्रेशन, स्वास्थ्य जांच भी आवश्यक
- मनाली में गर्लफ्रेंड की हत्या, सफेद कमीज पर पीले दाग ने दिया दगा…गर्म पानी से नहलाया शव
- विक्रमादित्य सिंह से मंत्रालय संभाले नहीं जा रहे और चले हैं MP बनने