हरिपुरधार: क्षेत्र की गैहल डिमाईना पंचायतवासियों ने शनिवार को एक युवक का अनमोल जीवन बचाने के लिए जबरदस्त तरीके से संघर्ष किया। युवक हरिचंद नेगी की अचानक ही तबीयत खराब हो गई थी। अब उसे हरिपुरधार तक पहुंचाना इसलिए चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि बर्फबारी के कारण सड़कें अवरुद्ध थी। हिम्मत हारने की बजाय ग्रामीणों ने चारपाई पर हरिचंद नेगी को कंधों पर उठाकर (11 किलोमीटर) पीएचसी हरिपुरधार ले जाने का फैसला लिया। इससे जुड़ा वीडियो इस बात की पोल खोल रहा है कि संगड़ाह उपमंडल में आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। 36 साल का जवान जिंदगी व मौत के बीच जंग लड़ रहा है।
ग्रामीणों का आरोप यह भी है कि 5 दिन पहले विभाग से सड़क को बहाल करने का आग्रह किया गया था, लेकिन आज तक जेसीबी मशीन नहीं लगी है। गत वर्ष भी इस बात पर सवाल उठा था कि अन्य जिलों की तरह बर्फ हटाने के लिए सिरमौर को क्यों स्नोकटर की सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई जाती। बर्फबारी से प्रभावित ग्रामीण सुबह उठकर ईश्वर से केवल यही प्रार्थना करते हैं कि कोई अनहोनी न हो, क्योंकि वो जानते हैं कि इस स्थिति में बिजली व पानी के बगैर तो जैसे-तैसे कट रही है, लेकिन अस्पताल की सुविधा नहीं मिल सकती।
गैहल डिमाईना के ग्रामीणों ने बताया कि मरीज को बर्फ की परत पर कंधों पर उठाकर चढ़ाई चढ़ना एक जंग के बराबर ही था। उधर युवा कांग्रेस के तेजतर्रार नेता ओपी ठाकुर ने कहा कि अगर सरकार ने संगड़ाह उपमंडल में सड़कों को बहाल करने का मामला गंभीरता से नहीं लिया तो मजबूरन आंदोलन शुरू करना पडे़गा, क्योंकि अब बर्फ लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ती नजर आ रही है।
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