रिकांगपिओ : भले ही तीन दिन बाद किन्नौर में मौसम साफ रहा लेकिन लोगों के लिए मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही। वीरवार को किसी भी संपर्क सड़क मार्ग पर हिमाचल पथ परिवहन निगम की एक भी बस नहीं चल पाई। यहां तक कि राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 पर भी कई स्थानों पर ग्लेशियरों के गिरने के साथ-साथ चट्टानों सहित लाहसों के गिरने से कई मार्ग अवरुद्ध रहे। सीमा सड़क संगठन अवरुद्ध मार्गों की बहाली के कार्य में जुटा हुआ है।तीन दिनों तक बर्फबारी जारी रहने के कारण ऊंची पहाड़ियों पर अत्यधिक बर्फ इकट्ठा होने से कई नदी नालों में ग्लेशियर गिरने की सूचना है। बता दें कि इस समय भगत नाला सहित टिंकू नाला, जंगी नाला, किरंग खड़ आदि स्थानों पर भारी मात्रा में ग्लेशियर गिरे हुए है। सड़क मार्गों पर ग्लेशियरों को हटाने का भी कार्य जारी है। टिंकू नाला व भगत नाला में ग्लेशियर की मात्रा काफी अधिक होने के कारण दो दिन बाद वीरवार को मार्ग बहाल किया गया। लेकिन वीरवार को जंगी नाला के पास ग्लेशियर गिरने से एनएच-5 अवरुद्ध हो गया। जिसे बहाल करने के लिए ग्रेफ की मशीन लगाई गई है।
कमांडेंट ओसी ग्रेफ डीके राघव ने कहा कि मार्ग को शीघ्र बहाल कर दिया जाएगा। बर्फबारी के कारण जिले का सामान्य जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। इस समय पर्यटन स्थल छितकुल में 3 फीट, सांगला में 2 फीट, कल्पा ढाई फीट, आसरंग में 3 फीट , रिकांगपिओ में डेढ़ फीट बर्फ दर्ज की गई है। इसी तरह समूचा क्षेत्र बर्फ की सफेद चादर में लिपट गया है। इन दिनों जिला के ऊपरी क्षेत्रों विशेष कर नाको, चांगो, शलखर, संधू, नामगज्ञा हांगो आदि क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान माईनस 20 से भी नीचे दर्ज किया जा रहा है।
ठंड बढ़ने से अधिकांश पेयजल नलों के जमने से लोगों को पेयजल के लिए भी खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। कुछ एक क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति में असुविधा देखी जा रही है। वीरवार को विद्युत सप्लाई अधिकांश क्षेत्रो में चरमराई रही। कई ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की रातें अँधेरे में गुजर रही है। यहां के स्थानीय लोग सर्दियों की इस शुरुआती बर्फबारी को किसानों व बागवानों की आर्थिकी को बढ़ाने में मददगार तो बता रहे है लेकिन वर्तमान समय मे मुसीबतों से निपटना उनके लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।