सुंदरनगर: मासूम बच्चे के जीवन की आस टूटती नजर आ रही है। गरीब प्रवासी परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मासूम की जिंदगी की जिम्मेदार बाइकर्स की वो अंधी दौड़ है, जिसने सन्नी को अपनी चपेट में ले लिया था। करीब तीन सप्ताह पहले दो बाइकर्स की रेस में दो प्रवासी बच्चे चपेट में आ गए थे। इसमें से सन्नी को नाजुक हालत में पीजीआई भेजा गया था। लेकिन अब वहां से सन्नी को वापस घर भेज दिया गया है। चिकित्सकों द्वारा हाथ खड़े किए जाने से परिवार गमगीन हो गया है। मासूम सन्नी ने आंखें तो खोल दी थी, लेकिन वो किसी को पहचान नहीं रहा है।
सन्नी के पिता कश्मिर सिंह ने बताया कि उन्हें यह नहीं बताया गया कि सन्नी जी पाएगा या नहीं। गरीब परिवार हादसे के बाद आर्थिक तौर पर भी टूट गया है। बेटी की शादी के लिए रखे पैसे इलाज में खर्च हो चुके हैं। हैरान कर देने वाली बात यह है कि हादसे के जिम्मेदार बाइकर्स आजादी से घूम रहे हैं। पुलिस यह तर्क देती रहती है कि कानून के मुताबिक लापरवाही से वाहन चलाने वालों को जमानत मिल जाती है।
आरोप यह भी है कि हादसे को लेकर पुलिस कोर्ट में चालान नहीं पेश कर पाई है। पिता कश्मीर सिंह का कहना है कि आज उनका बेटा मौत के दरवाजे पर पहुंच चुका है। वो आरोपियों के लिए सख्त सजा चाहते हैं। एसपी गुरदेव चंद शर्मा का कहना है कि जल्द ही कोर्ट में चालान पेश किया जाएगा। साथ ही कहा कि पीडि़त परिवार को नियमानुसार राहत दिलवाई जाएगी।