नाहन: कहते हैं, कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं, जिनका खुद को भी पता नहीं होता। ऐसे ही एक अंजान रिश्ते की डोर ऐसी बंधी कि समाजसेवी पवन बोहरा ने एक बुजुर्ग के बेटे की भूमिका निभाई। यही नहीं, इससे पहले भी कटासन देवी में सड़क के किनारे तंबू गाड़कर रहने वाले बुजुर्ग की इम्दाद भी कर रहे थे। 31 दिसंबर की रात बुजुर्ग की ठंड से मौत हो गई। कानून के तहत पुलिस को बुजुर्ग की देह के दावे के लिए 7 दिन इंतजार करना था। इसके बाद ही अंतिम संस्कार हो सकता था।
मौके से शव को डैड हाऊस तक लाने में भी पवन की अहम भूमिका थी। तभी पुलिस को स्पष्ट कर दिया था कि अगर कोई नहीं आया तो वो ही अंतिम संस्कार करेंगे। सोमवार को डैड हाऊस से पार्थिव देह को श्मशानघाट पहुंचाया। इसके लिए नगर परिषद के भी दो कर्मियों की मदद मिली। पवन बोहरा ने कहा कि बुधवार को वो अस्थियों को चुनेंगे। इसके बाद यमुना में अस्थि विसर्जन की रस्म को भी निभाएंगे।
बहरहाल, अगर समाजसेवी पवन की सोच को हरेक व्यक्ति अपना ले तो लाजमी तौर पर एक बड़ा बदलाव आ सकता है। उल्लेखनीय है कि सड़कों के किनारे ठंड में गुजर-बसर करने वाले लोगों को पहले ही पवन रेस्क्यू कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि बुजुर्ग से उनका क्या नाता रहा होगा। लेकिन यह जरूर है कि गहरा लगाव हो चुका था। कई मर्तबा उनसे तंबू छोड़ने की गुजारिश भी थी, लेकिन वो अपनी जिद पर ही अडे़ रहे।