ऊना : अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मनीषा गोयल की अदालत ने एक कैमिस्ट को प्रतिबंधित दवाईयां रखने के आरोप में दोषी करार दिया है। अदालत ने कैमिस्ट विक्रम चंद को विभिन्न धाराओं के तहत एक साल के कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा 50 हजार रूपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने की सूरत में एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
जिला न्यायवादी भीषम चंद ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि 6 अगस्त 2008 को ड्रग इंस्पेक्टर व थाना प्रभारी गगरेट ने हाई स्कूल गगरेट के सामने स्थित शर्मा मेडिकल स्टोर पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान ड्रग इंस्पेक्टर ने मेडिकल स्टोर से प्रतिबंधित दवाईयां बरामद की, जिसका कोई रिकॉर्ड नहीं था। स्टोर से छापेमारी के दौरान कोरेक्स की 8 शीशी, स्पास्मो-प्रॉक्सीवॉन के 964 कैप्सूल व स्पाजमो 24 कैप्सूल बरामद किए।
पुलिस ने प्रतिबंधित दवाईयां रखने के आरोप में मेडिकल स्टोर के मालिक विक्रम चंद के खिलाफ ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट की विभिन्न धारा 28, 28-ए व 27-डी के तहत केस दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी। जिसकी बाद कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल की गई। इस केस में करीब 6 गवाह भी पेश किए गए। दोनों पक्षों की दलीलों और साक्ष्यों के आधार पर एसीजेएम मनीषा गोयल ने विक्रम चंद को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। अदालत ने धारा 28 व 28-ए के तहत 6-6 माह की कैद व 20-20 हजार जुर्माना की सजा सुनाई है।
वहीं 27-डी के तहत 1 वर्ष की कैद व 10 हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। जिला न्यायवादी भीषम चंद ठाकुर ने बताया कि सभी सजाएं एक साथ चलेगी। जिला न्यायवादी ने बताया कि अदालत में मामले की पैरवी सहायक जिला न्यायवादी प्रमोद कुमार नेगी ने की।