जंजहैली : बाली चौकी नौणा स्कूल में हुए जातीय भेदभाव का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। उधर, मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी न किए जाने पर आज विभिन्न संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है और लगातार हो रही देरी पर सवाल उठाए जा रहे हैं। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि जिस क्षेत्र में भेदभाव हुआ है वह मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का विधानसभा क्षेत्र है।
मामले को लेकर मानवाधिकार संगठन सदस्य हिमाचल प्रदेश एवं जिलाध्यक्ष कोली सभा जिला मंडी एलआर चौहान, अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग विशाल सुधार सभा के जिला अध्यक्ष सिद्धू राम भारद्वाज, कोली सभा के मुख्य सलाहकार एवं कोषाध्यक्ष कमल देव चौहान, कोरी सभा सुंदर नगर इकाई के अध्यक्ष नंदलाल चौहान, कोली सभा सिराज इकाई के अध्यक्ष खूबे राम चौहान ए कोली सभा बाली चौकी खंड के युवाध्यक्ष गगन कुमारए सहित जिला मंडी कोली सभा तथा मानवाधिकार संगठन के अन्य सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल डीसी ऋग्वेद ठाकुर से मिला।
उनके माध्यम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजे। उसके बाद संगठन के समस्त पदाधिकारी सहित पीडि़त पक्ष पुलिस अधीक्षक से भी मिला और आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने के लिए मांग की। ज्ञापन में कहा गया कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अनुसूचित जाति के बच्चों के साथ मिड डे मील के दौरान जातीय भेदभाव के चलते अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं जिससे मासूम बच्चों की मानसिकता में कमजोरी आ रही है, हालांकि ज्यादातर अनुसूचित जाति के बच्चों ने स्कूल तक छोड़ दिए हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में 9 दिसम्बर 2019 को सिराज विधानसभा क्षेत्र से संबंधित उप तहसील बाली चौकी के राजकीय प्राथमिक पाठशाला नौणा में मासूम बच्चों को मिड डे मील के दौरान अलग-अलग खाना परोसा जा रहा था जिसका वीडियो पीडि़त अभिभावक गगन कुमार के द्वारा स्कूल में जाकर के लिया गया है जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
हालांकि मामले पर अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम 1989 धारा 3 के तहत एफ आई आर न. 0167 दर्ज की गई है जिसमें स्थानीय स्कूल की मुख्य शिक्षिका को सस्पेंड भी कर दिया गया है मगर अभी तक आरोपी शिक्षिका सहित मिड डे मील वर्कर्स को गिरफ्तार नहीं किया गया है, जिनके कारण बच्चों के साथ इस तरह की अप्रिय घटनाएं सामने आ रही है। संगठन के सदस्यों ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार व शिक्षा विभाग द्वारा प्रत्येक सरकारी स्कूलों में मिड डे मील के दौरान हो रहे भेदभाव को रोकने संबंधी जागरूकता शिविर लगाने चाहिए जिससे बच्चों की मानसिकता पर पड रहा बुरा प्रभाव रोका जा सके।
उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग की कार्य प्रणाली पर भी अनुसूचित जाति से जुड़े हुए मामलों पर हमेशा सवाल उड़ते रहे हैं क्योंकि विभाग के अधिकारी अनुसूचित जाति से संबंधित मामलों में पीडि़त पक्ष को विश्वास में न ले कर उल्टा ही उन्हें धमकाते रहते हैं जिससे स्पष्ट जांच नहीं हो पाती है। पदाधिकारी ने प्रदेश के राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री से मांग की है कि हिमाचल प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में मिड डे मील के दौरान रोल नंबर वाइज व्यवस्था को सरकार द्वारा जारी किए गए आदेशों के अनुसार सुनिश्चित करके जाति के आधार पर मिड डे मील के दौरान हो रहे भेदभाव तथा अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के साथ हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए सख्ती से समय-समय पर उचित जांच करवाई जाए व दोषी गणों को तुरंत गिरफ्तार करके कार्रवाई अमल में लाई जाएं अन्यथा संगठन सड़कों पर उतर करके अपने हक की लड़ाई को लडऩे के लिए तैयार रहेंगे।