नाहन: उत्तर भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां बाला सुंदरी न्यास त्रिलोकपुर के यात्री निवास में कथित गोलमाल का मामला सामने आया है। हालांकि एमबीएम न्यूज नेटवर्क अपने स्तर पर पुष्टि नहीं करता है। लेकिन सूत्रों द्वारा उपलब्ध करवाई गई रसीद संख्या 50564 का अवलोकन करने पर पाया गया कि टैंपरिंग (छेड़छाड़) कर मंदिर की आमदनी को हड़पा जा रहा है।
दरअसल रसीद की कार्बन कॉपी में 300 रुपए की वसूली दिखाई गई है। जबकि मूल कॉपी पर 2100 रुपए की वसूली है। यानी 1800 रूपये का गोलमाल रसीद में है। पुख्ता सूत्रों का यह भी कहना है कि कुछ माह पहले मंदिर न्यास के अध्यक्ष व जिलाधीश के स्तर पर एक गोपनीय शिकायत की गई थी। इस पर जांच तो शुरू हुई, लेकिन इसे बाद में ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने जब अपने स्तर पर भी हल्की-फुल्की जांच की तो पता चला कि लाजमी तौर पर टैंपरिंग हो रही है। इसमें दोषी कौन है, इसका तो खुलासा नहीं हो पाया है। लेकिन इतना जरूर है कि यात्री निवास में तैनात कर्मचारी द्वारा ही इसे अंजाम दिया गया होगा। सूत्रों का कहना है कि यह रसीद काफी लंबे अरसे पहले काटी गई थी। लिहाजा सवाल यह भी उठता है कि न्यास प्रबंधन को इसकी भनक होने के बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही। हर साल मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा करोड़ों रुपए की राशि अर्पित की जाती है। नगदी के अलावा सोना-चांदी भी चढ़ाया जाता है। मंदिर के खजाने में कोई कमी नहीं है। यहां तक कि न्यास को राशि खर्च करने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
उल्लेखनीय है कि चंद वर्ष पहले भी सीसी कैमरा को बंद कर गल्ला खोलने की कोशिश हुई थी। लेकिन उस मामले में कर्मचारियों को क्लीन चिट मिल गई थी। सूत्रों का कहना है कि फिलहाल एक ही रसीद सामने आई है। गहराई से पिछले कई वर्षों की जांच करने पर चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आ सकते हैं। अहम बात यह है कि मंदिर न्यास के तहत कर्मचारियों को सरकारी तर्ज पर सुविधाएं मिलती हैं। लेकिन सरकार के नियमों के तहत इन कर्मचारियों पर नियंत्रण नहीं होता। क्योंकि यह समझ लिया जाता है कि कोई भी जांच आसानी से दबाई जा सकती है। न्यास प्रबंधन बदनामी के डर से कर्मचारियों को क्लीन चिट देने में ही बेहतरी समझता है।
उधर मंदिर न्यास के अध्यक्ष व उपायुक्त डॉ आर के परुथी ने कहा कि जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। संज्ञान में मामला नहीं है। अलबत्ता उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस मामले में कोई जांच लंबित होगी तो उसे प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा। अगर कोई दोषी पाया जाता है तो सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सनद रहे कि सत्ता बदलते ही न्यास की तस्वीर भी बदल जाती है। ऐसे सदस्य तैनात कर दिए जाते है जो हर निर्णय पर हामी भर दे।
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