हमीरपुर: सुबह उठकर सोचा था कि वाक कर आऊँ लेकिन अंधेरे में राह भटकी तो चलती चली गयी” शनिवार को टौणी देवी के पास स्वाहलवा गाँव की 14 वर्षीय आठवीं की छात्रा नैंसी की छः घंटे तक चली मोर्निंग वाक ने सबकी साँसे फुला दी थी। बच्ची के अचानक घर से दूर निकलने से जहाँ परिजन परेशान थे, वहीं पुलिस और गुप्तचर एजेंसियाँ भी बच्ची को तलाशने में सक्रिय रही।
सोशल मीडिया पर बेटी के अचानक गुम होने के फ़ोटो वायरल होने शुरू हो गये। वहीं नैंसी के स्कूल के प्रिंसिपल महेंद्र डोगरा तथा स्कूल कमेटी के चेयरमेन कर्नल चेत राम चौहान भी लगातार पुलिस एवं परिजनों से अपडेट लेते रहे। नैंसी तो बस अपनी धुन में चली जा रही थी, वह आगे-आगे तो उसे तलाश करने वाले पीछे पीछे चले रहे थे। आख़िर डुग्गा पहुँचकर नैंसी की पैदल यात्रा समाप्त हुई जब उसकी बुआ मीना बस में बैठाकर इसे गसोता ले आई। नैंसी अब अपने घर पहुँच चुकी है।
नैंसी के पिता चमन लाल ने बताया कि अक्सर उनकी दोनों बेटियाँ सुबह जल्दी उठकर पढ़ने बैठ जाती हैं। शनिवार को भी नैंसी व उसकी छोटी बहन शिप्रा सुबह पाँच बजे उठ गयी। नैंसी ने बताया कि उसने सोचा कि चलो आज थोड़ा बाहर वाक कर आते हैं। अंधेरे में वह राह भटक गयी और घबरा गयी। फिर उसे नहीं मालूम कि वह कैसे टौणी देवी,कोट,अणु, हमीरपुर बाज़ार से निकलते हुए डुग्गा पहुँच गयी। सीसीटीवी की रिकार्डिंग बताती रही कि नैंसी सेफ़ है और पैदल ही चल रही है।
डुग्गा पहुँचकर उसे गसोता गाँव की मीना देवी मिली जो इसे बस में बैठाकर अपने घर गसोता ले आई। इस बीच क़रीब छः घंटे से नैंसी के सर्च अभियान में जुटी पुलिस को भी सूचना मिल गयी कि नैंसी सुरक्षित अपनी बुआ के पास गसोता में है। इस बीच पुलिस टीम के साथ चमन लाल उनकी पत्नी भी गसोता पहुँच गये। नैंसी ने खाना खाया और बोली अब फिर कभी अंधेरे में वाक पर कभी नहीं निकलूँगी।
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