बिलासपुर: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य शुरू होने पर हिमाचल के मुसलमान जत्थों में कार सेवा करने जाएंगे। यह बात मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रदेश संयोजक केडी हिमाचली ने बिलासपुर में आयोजित प्रैसवार्ता में कही। उन्होंने कहा कि सुप्रमी कोर्ट के फैसले का भारत के 99 प्रतिशत मुसलमान समर्थ कर रहे हैं। फैसले के बाद सारा झगड़ा समाप्त हो गया है।
उन्होंने कहा कि देश का हिंदू व मुसलमान अमन व शांति चाहता है। देश को दोबारा विश्व गुरू बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “न्यू इंडिया” विजन तथा “सबका साथ सबका विकास” के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन कुछ स्वार्थी तत्वों को देश की यह अमन व तरक्की रास नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की राजनैतिक रोटियां अब बंद हो गई हैं। इसलिए ये लोग हिन्दुओं व मुसलमानों को बांटने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देश के 20 करोड़ मुसलमानों का रहनुमा न तो कोई एनजीओ है और न ही कोई अन्य। इन्हीं लोगों की वजह से गरीब मुसलमानों को अनुसूचित जाति का दर्जा नहीं मिल पाया। इन लोगों ने कभी भी मुसलमानों के हित में काम नहीं किया। बल्कि मुसलमानों के नाम पर विदेशी चंदा लेकर ऐश ही की है। उन्होंने कहा कि इकबाल अंसारी ने रिव्यू पीटीशन से अलग होकर अच्छा काम किया है।
देश के अन्य लोगों को भी उनसे सीख लेनी चाहिए और अब राम मंदिर निर्माण में कोई अड़चन पैदा नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के उत्थान के लिए मोदी सरकार ने काम किया है। प्रदेश की जयराम सरकार ने भी मस्जिदों में नमाज अदा करने के लिए दरियों हेतु 25 लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया है। इससे पहले किसी भी सरकार ने ऐसा नहीं किया।