मंडी : प्रदेश डिपो संचालक समिति ने सोमवार को प्रदेश स्तरीय सम्मेलन आयोजित कर अपनी मांगों व आगामी रणनीति को लेकर मंथन किया। सम्मेलन में निर्णय लिया गया है कि यदि मांगोें की अनदेखी की जाती रही तो डिपो संचालक आने वाले समय में प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन कर हड़ताल करेंगे। इसके अलावा राशन न उठाने, चक्का जाम करना, मंत्रियों का घेराव आदि कदम भी समिति उठा सकती है। सम्मेलन के बाद समिति ने डीसी के माध्यम से सीएम जयराम ठाकुर को अपना मांग पत्र भी भेजा।
प्रदेश डिपो संचालक समिति के अध्यक्ष अशोक कवि ने बताया कि समिति ने कई बार सीएम के पास अपनी मांगें रखीं, लेकिन अभी तक उन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है और मांगे लंबित हैं। उन्होंने बताया कि डिपो धारक प्रदेश के साथ केंद्र सरकार का राशन भी बांट रहे हैं, लेकिन दोनों ही सरकारों ने उनके बारे अभी तक कुछ नहीं सोचा है। उन्होंने बताया कि मुख्य रूप से उनकी मांगों में जम्मू कश्मीर, केरल, गोवा व तमिलनाडू की तरह डिपो संचालक को सरकारी कर्मचारी घोषित करना है। उन्होंने बताया कि डिपो संचालकों को फूड लाइसेंस के लिए दस हजार रूपये नवीनीकरण शुल्क अदा करना पड़ रहा है। जबकि वह तो सरकार के राशन का ही आवंटन करते हैं।
समिति ने सीएम से डिपो संचालकों को एफएसएसएआई के लाइसेंस की अनिवार्यता को खत्म करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के अधिकत्तर जिलों में खाद्यापूर्ति निगम के गोदामों से राशन लाने के लिए गाड़ियों के किराये में पिछले कई वर्षों से बढ़ोतरी नहीं हुई है। डिपो धारकों को कम किराया दिया जाता है। जबकि उन्हें किराया अधिक देना पड़ता है। समिति ने गाड़ियों के किराये के साथ लेबर के पैसों में बढ़ोतरी करने की मांग की है।