मंडी : दो वर्षों के इंतजार के बाद सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं को राज्य सरकार की तरफ से नि:शुल्क मिली वर्दियों की बैग की पोल खुलने लग गई है। अभी स्कूलों में आधा सत्र ही बीता है और वर्दियों के रूप में बांटे गए कपड़ों ने अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया है। मंडी जिला के सरकाघाट उपमंडल में बांटी गई सरकार की इन वर्दियों को लेकर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन वर्मा ने सरकार से इस पूरे मामले पर सीबीआई जांच की मांग उठाई है और सरकार को चेतावनी दी है कि अगर समय रहते उचित कार्रवाही अम्ल में नहीं लाई गई तो कांग्रेस कमेटी सड़कों पर उतरकर इसका विरोध करेगी।
सचिन वर्मा का आरोप है कि दो वर्षों के बाद राज्य सरकार ने फ्री के नाम पर जो वर्दियां बांटी हैं उनमें लाखों का घोटाला हुआ है। चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए घटिया क्वालिटी की वर्दियां बांटी गई हैं। अभी आधा सत्र भी नहीं बीता और वर्दियों का रंग उडऩे के साथ उनमें इस्तेमाल हुए कपड़े की क्वालिटी भी उजागर होने लग गई है। बता दें कि बीते वर्ष सही समय पर वर्दियों की खरीददारी न होने के कारण स्कूली बच्चों को वर्दियां नहीं मिल पाई थी, लेकिन इस बार जो वर्दियां बच्चों को बांटी गई हैं उनकी क्वालिटी पर सवालिया निशान लग रहा है।
वहीं दूसरी तरफ छठी कक्षा के बच्चों को जो बैग बांटे गए हैं वह भी क्षमता से बहुत छोटे हैं। जिनमें या तो बच्चे किताबें ही ले जा पा रहे हैं या फिर कापियां। यदि दोनों एक साथ ले जाने हों तो वह संभव नहीं। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार सूबे के सभी सरकारी स्कूलों में हर साल बच्चों को मुफ्त में वर्दियां, बैग और किताबें बांटती हैं। जो सुविधा संपन्न परिवार हैं वह तो अपनी सुविधा के अनुसार बच्चों के लिए अतिरिक्त बैग और वर्दियां खरीद लेते हैं लेकिन जो गरीब परिवार हैं उनके बच्चे इन्हीं वर्दियों और बैग से गुजारा करते हैं। ऐसे में सरकार को इनकी गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
वहीं जब इस बारे में उच्च शिक्षा उपनिदेशक मंडी अमरजीत शर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यदि गुणवत्ता में कोई कमी है तो इसकी जांच करवाई जाएगी।