बिलासपुर : देवभूमि के चार जिलों में प्राकृतिक गैस की खोज का कार्य चल रहा है। स्वारघाट के बेस कैंप में दिन-रात वैज्ञानिकों द्वारा डिजिटल आंकड़े एकत्रित किए जा रहे हैं। गत माह से बिलासपुर, सोलन, हमीरपुर व ऊना जिलों में ओएनजीसी के माध्यम से अल्फा जीईओ इंडिया लिमिटिड हैदराबाद द्वारा प्रारंभिक अनुसंधान किया जा रहा है। स्वारघाट क्षेत्र के समीप विभिन्न स्थानों पर बोरिंग की जा रही हैं। बेस कैंप में दिन रात बैठकर डिजिटल आंकड़ों को एकत्रित किया जा रहा है।
पुख्ता सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्वारघाट व साथ में सटे सोलन के रामशहर क्षेत्र में 76 किलोमीटर की सीधी लाईन में कार्य दिन रात चल रहा है। कार्य सितंबर से लेकर दिसंबर तक निर्धारित समय सीमा में पूर्ण किया जाएगा।
प्रोजेक्ट के प्रभारी डॉ. डीआर कोठियाल ने ख़ास बातचीत के दौरान बताया कि उन्हें बड़ी खुशी है कि देशहित में यह कार्य के अनुसंधान का जिम्मा सौंपा गया है। उन्होंने बताया है कि पहाड़ी क्षेत्र होने के चलते कठिनाइयों का सामान करना पड़ रहा है। लेकिन हिमाचल सरकार व प्रशासन के अधिकारियों से सहयोग मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि यदि हिमाचल के क्षेत्रों में पेट्रोलियम पदार्थ एवंम प्राकृतिक गैस का भंडार मिलता है तो भारत सरकार के साथ ही हिमाचल प्रांत को बड़ा फ़ायदा होगा। बता दें कि उक्त कार्य में कई स्थानों पर 60 फीट तक गहरी बोरिंग की जा रही है। इस ख़ुदाई के भीतर व आसपास के सारे कार्य के डिजिटल आंकड़े भू-वैज्ञानिकों द्वारा बेस कैंप में एकत्रित करके पेट्रोलियम पदार्थ व प्राकृतिक गैस मंत्रालय को भेजे जा रहे हैं।