शिमला : हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही मचाने के बाद दक्षिणी-पश्चिमी मानसून शुक्रवार को विदा हो गया। स्थानीय मौसम विभाग ने मानसून की रवानगी की आधिकारिक घोषणा करते हुए बताया कि मानसून इस बार रिकॉर्ड अवधि तक राज्य में सक्रिय रहा। साल 1982 के बाद यह पहला मौका है कि मानसून इतना देरी से राज्य से विदा हुआ है।
इस वर्ष मानसून की राज्य में 10 फीसदी कम वर्षा हुई। जबकि पिछले वर्ष मानसून की सामान्य से 12 फीसदी अधिक वर्षा दर्ज की गई थी। सात जिलों में मानसून की कम वर्षा रही। जिसमें कांगड़ा में सामान्य से 10 फीसदी कम, सिरमौर में सामान्य से 16 फीसदी कम, सोलन में सामान्य से 14 फीसदी कम और मंडी में सामान्य से 12 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई।
तीन जिलों लाहौल-स्पीति, किन्नौर और चंबा में वर्षा सामान्य से क्रमशः 56 फीसदी, 52 फीसदी और 45 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई। हालांकि बिलासपुर जिला में सामान्य की 27 फीसदी अधिक वर्षा हुई। इसी तरह हमीरपुर में सामान्य से 13 फीसदी, कुल्लू में 11 फीसदी, उना में 9 फीसदी और शिमला में 6 फीसदी ज्यादा बारिश हुई। मानसून के विदा होने के साथ ही राज्य में आगामी एक सप्ताह तक मौसम साफ रहेगा।
दिन में धूप खिलने से मौसम सुहावना बना रहेगा लेकिन सुबह और शाम ठंड का असर बढ़ता जाएगा। सनद रहे कि इस वर्ष मानसून ने राज्य में भारी तबाही मचाई। मानसून सीजन के दौरान वर्षा जनित विभिन्न घटनाओं में 75 से अधिक लोगों की मौत हुई तथा प्रदेश सरकार को 1300 करोड़ का आर्थिक नुकसान हुआ। सबसे अधिक नुकसान लोकनिर्माण विभाग को झेलना पड़ा।