नाहन : रोटी का कोई धर्म नहीं होता, पानी की कोई जात नहीं होती, जहां इंसानियत जिंदा है, वहां मजहब की कोई बात नहीं होती। यह विचार आज यहां दशमेश सेवा सोसायटी के अध्यक्ष सरबजीत सिंह ने दशमेश रोटी बैंक के तहत राशन लेने पहुंचे दूर-दराज क्षेत्रों के जरूरतमंद परिवारों को संबोधित करते हुए रखें। सरबजीत ने कहा कि हमें जात-पात एवं धर्म से ऊपर उठकर सभी जरूरतमंद लोगों की मदद को आगे आना चाहिए। सभी धर्मों का सतकार करते हुए हमें मानवता की सेवा करनी है। इसी के तहत दशमेश रोटी बैंक स्थापित किया गया है। जिसके माध्यम से प्रत्येक माह हर धर्म के लोगों को राशन वितरित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि गरीब का मुंह गुरू नानक की गुल्लक है। इसलिए धार्मिक स्थानों पर दिया गया दान एवं जरूरतमंद गरीब लोगों को दिया दान एक सामान है। उन्होंने कहा कि दशमेश सेवा सोसायटी द्वारा स्थापित किए गए रोटी बैंक के तहत आज 45 जरूरतमंद परिवारों को नि:शुल्क राशन वितरित किया गया है। इसके साथ एक गरीब परिवार की लड़की की शादी के लिए भी राशन दिया गया। जिसमें आटा, चावल, दालें, रिफाइंड, चीनी, नमक आदि शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि दशमेश रोटी बैंक के सामाजिक कार्यों को सोशल मीडिया पर देखने के बाद बैंगलौर से भी एक परिवार सॉफ्टवेयर इंजीनियर मनिंद्र सिंह एवं उनकी पत्नी अवलीन कौर स्पेशल समाज सेवा का हिस्सा बनने आज कार्यक्रम में पहुंचे। उन्होंने देखा कि कैसे रोटी बैंक गरीब परिवारों की मदद कर रही है। मनिंद्र सिंह, अवलीन ने बताया कि दशमेश रोटी बैंक बेहतरीन कार्य कर रहा है। हमें रोटी बैंक से प्रेरणा लेनी चाहिए और अधिक से अधिक लोगों को इससे जुड़कर समाज सेवा में आगे आना चाहिए। ताकि प्रत्येक जरूरतमंद एवं दूर-दराज क्षेत्रों तक इसका लाभ पहुंचे।
इस अवसर पर सोसायटी उपाध्यक्ष दलबीर सिंह, सतिंद्र कौर, परमजीत सिंह, गनीत कौर, गुरलीन कौर, अरविंद्र सिंह, पप्पु सिंह, अरविंद्र सिंह साहनी, दलीप सिंह, मंगल सिंह, लखविंद्र सिंह आदि उपस्थित थे।