सोलन (एमबीएम न्यूज): मानसून की बारिश ने इस बार जिला सोलन में खूब कहर बरपाया है। सरकार के लोक निर्माण विभाग को ही अब तक बारिश से करीब 20 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंच चुका है। जबकि अन्य विभागों को भी बारिश ने करोड़ों रुपए के जख्म दिए हैं, जिन्हें भरना प्रदेश सरकार के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। यदि आने वाले दिनों में जिला में मूसलाधार बारिश होती है तो नुकसान का आंकड़ा ओर बढऩे की संभावना है।
जानकारी के मुताबिक इस बार मानसून की बारिश जिला में उम्मीद से कहीं अधिक हुई है। सोलन में लोक निर्माण विभाग को अब तक करीब 20 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंच चुका है। हालांकि अभी हिमाचल प्रदेश को मानसून ने अलविदा नहीं कही है। ऐसे में स्पष्ट है कि यदि आने वाले दिनों में जिला में बारिश का कहर टूटता है तो विभाग को पहुंचने वाले नुकसान का आंकड़ा और अधिक बढऩा तय है।
गौर रहे कि जून माह के अंतिम सप्ताह में हिमाचल प्रदेश में मानसून ने दस्तक देते हुए कोहराम मचाना शुरू कर दिया था। हालांकि बीच में कुछ समय के लिए मानसून प्रदेश से गायब हो गया था,लेकिन बाद में सक्रिय होने के से हिमाचल प्रदेश में अभी भी पश्चिमी विक्षोभ का दबाव बना हुआ है। मानसून की बारिश ने जिला की सडक़ों की हालत को बिगाड़ कर रख दिया है। जिला में ऐसे बहुत कम संपर्क मार्ग शेष बचे हैं,जिनकी हालत कुछ हद तक ठीक है। ज्यादातर सडक़ें दयनीय हालत में है।
पीडब्ल्यूडी विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिला सोलन में करीब दो सौ से अधिक मुख्य तथा संपर्क मार्ग है, जिन्हें बरसाती पानी ने गहरे जख्म दिए हैं तथा उन्हें भरने के लिए करोड़ों रुपए के बजट की दरकार है। बारिश की वजह से जिला के सौ से अधिक संपर्क मार्गों को भारी नुकसान पहुंचा है, जिन पर वाहनों को दौड़ाना किसी बड़ी दुर्घटना को न्योता देने समान है। बारिश के दौरान संपर्क मार्गों पर वाहनों की आवाजाही को सुचारू बनाए रखने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग की तरफ से जिला में एक दर्जन सरकारी और आठ निजी जेसीबी मशीनें चौबीस घंटे तैनात की हुई है।
जिला में तीन डोजरों को भी जिला के विभिन्न हिस्सों में तैनात किया हुआ है, ताकि सडक़ अवरुद्ध होने की स्थिति में तुरंत रास्ते को बहाल किया जा सके। इसके अतिरिक्त सैंकड़ों कर्मचारियों को मानसून में पूरी मुस्तैदी के साथ ड्यूटी पर तैनात किया गया है। विभागीय सूत्रों की मानें तो नालागढ़, कसौली और अर्की उपमंडल में पीडब्ल्यूडी की सडक़ों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा हैं। उक्त तीनों ही उपमंडलों में बारिश की वजह से सबसे अधिक भू-स्खलन होने के साथ-साथ डंगे ढहे हैं। इससे विभाग को करोड़ों रुपए की चपत लगी है।
सोलन में कंडाघाट उपमंडल में भी पीडब्ल्यूडी विभाग की सडक़ों को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचा है। मामले में हैरानी की बात यह है कि करोड़ों रुपए के नुकसान होने के बावजूद अभी तक विभाग को सरकार की तरफ से मात्र तीन करोड़ रुपए का बजट जारी किया गया है। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्वीकृति बजट से सडक़ों का रख-रखाव किस तरह से होगा। यहां सडक़ों की गुणवत्ता की बात करना तो बेईमानी होगी।
उधर लोक निर्माण विभाग सोलन के अधीक्षण अभियंता एसके गंजू ने संपर्क करने पर बताया कि बारिश की वजह से विभाग की सडक़ों को अब तक करीब 20 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंच चुका है। विभाग ने बारिश से अब तक सडक़ों को पहुंचे नुकसान की रिपोर्ट सरकार को भेज दी है। फिलहाल सरकार की तरफ से सडक़ों के रख-रखाव के लिए तीन करोड़ रुपए बजट जारी किया गया है।