मंडी
“शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर वर्ष मेले, वतन पर मिटने वालों का यही आखिरी निशां होगा।” यह वे पंक्तियां हैं, जिन्हें सुन कर ही दिलों में देश की रक्षा करते अपने प्राणों का बलिदान देने वाले वीर सैनिकों की अमर गाथा जहन में घूमने लगती है। लेकिन कुछ स्थान ऐसे भी हैं, जहां पर शहीदों के साथ मजाक किया जा रहा है। ऐसा ही एक स्थान मंडी शहर के बीच में भी है। जहां पर कारगिल के युद्ध में अपनी जान गवां देने वाले 10 वीर सैनिकों के नाम पर एक पार्क का निर्माण किया गया था। इस स्थान पर आलम यह है कि यहां पर वर्ष भर बदहाली का आलम रहता है।
इस पर पूर्व सैनिक लीग ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है। लीग का कहना है कि शहीद के नाम पर बनाए गए पार्क की ऐसी दुर्दशा उन वीर सैनिकों के बलिदान के प्रतीक में बिलकुल भी नहीं दिखाई देती है। पूर्व सैनिक लीग मंडी के चेयरमैन कर्ण प्रताप सिंह ने इस बारे में दुख जाहिर करते हुए कहा कि शहीदों के नाम पर मात्र वादे ही किए जाते हैं। लेकिन धरातल पर कुछ ही वादों को पूरा करने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने कहा कि जिला में शहीद स्मारक की हालत देख उन्हें दुख होता है कि सरकारें या प्रशासन देश की रक्षा में अपनी जान गवां देने वाले वीर सैनिकों के बलिदान के प्रति कितने सजग हैं।
उन्होंने यह भी नाराजगी जताई है कि सांसद रामस्वरूप शर्मा ने शहर के इंदिरा मार्केट परिसर में जिस शहीद स्मारक का वादा और शिलान्यास किया था, उसका काम भी अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। कर्ण प्रताप सिंह ने बताया कि 26 जुलाई को मंडी में कारगिल दिवस मनाया जाएगा। जिसमें कारगिल की लड़ाई में शहीदों के परिजन व अन्य पूर्व सैनिक शिरकत कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।