नितेश सैनी/सुंदरनगर
जिला में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। चतरोखड़ी गांव की पीड़ित मां मीरा देवी ने बताया कि वह एक अनुसूचित जाति परिवार से संबंध रखती है। उसके 20 वर्षीय बेटे मोहित को कुछ सामान्य वर्ग के नशेड़ी व दबंग गुंडों ने झील में डरा कर आत्महत्या के लिए मजबूर किया है। पुलिस इस मामले में ढंग से पीड़िता की बात नहीं सुन रही है। इसी कारण आज पुलिस स्टेशन में पीड़ित पक्ष के लोग पहुंचे, मगर उनकी बात अनसुनी कर दी गई। जिस वजह से पीड़ित पक्ष ने चक्का जाम भी किया।
एसएचओ गुरबचन सिंह और पूरी टीम ने पीड़ित पक्ष को बड़ी मुश्किल से शांत किया गया। पुलिस की ढीली कार्रवाई पर पीड़ित पक्ष का रोष उनकी आंखों में देखने को मिल रहा था, जो अभी शांत नहीं है। हालांकि चक्का जाम खोलने के बाद भी उन्होंने पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र ही दोषियों को सलाखों के पीछे नहीं किया गया तो वे फिर एक और उग्र आंदोलन करेंगे।
मोहित आत्महत्या मामले पर डीएसपी तरनजीत सिंह ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि पीड़ित पक्ष को धरना प्रदर्शन करने की या चक्का जाम करने की जरूरत नहीं थी। बल्कि उन्हें चाहिए था कि वे अपनी समस्या को लिखित या मौखिक बताकर उनके ध्यान में लाते। मगर ऐसा नहीं हुआ।
उन्होंने बताया कि अगर पीड़ित पक्ष थाने की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं था तो उन्हें उच्च अधिकारियों तक मामले को ले जाना चाहिए था। मगर फिर भी दोषियों की पूछताछ की जा रही है। उनके खिलाफ धारा 306, 34 और एट्रोसिटी एक्ट धारा 3(1)s के तहत दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं।