एमबीएम न्यूज/नाहन
सपनों में पंख हों तो कामयाबी पाई जा सकती है। सोचिए, एक पिछड़ा गांव जहां एक बच्चा अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी करता है। फिर द्वितीय श्रेणी का राजपत्रित अधिकारी बन जाता है। लाजमी तौर पर एक युवक की यह सफलता प्ररेणादायक है। रोनहाट के छोटे से किन्नू गांव में किसान के घर में जन्में नितिश पोजटा ने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सहायक लोक संपर्क अधिकारी की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है।
पनोग स्कूल से दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद नाहन की शमशेर वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला से जमा दो की पढ़ाई पूरी की। दो साल की पढ़ाई नाहन में ही करने के बाद सोलन का रुख कर लिया। सैंट्रल यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता की पढ़ाई करने के बाद शौकिया तौर पर लेखन का कार्य शुरू किया। उल्लेखनीय है कि एपीआरओ के पद के लिए दो साल का अनुभव डिग्री के बाद होना चाहिए। एपीआरओ बने नितिश पोजटा ने कुछ समय एमबीएम न्यूज नेटवर्क को भी विशेष समाचार प्रेषित किए। हालांकि अपने कैरियर को लेकर चिंता नितिश को अरसे से थी, लेकिन हताशा नहीं थी।
करीब तीन महीने पहले खेती-बाड़ी भी शुरू कर दी। अहम बात यह है कि सिरमौर खासकर ट्रांसगिरि के युवा शायद ही ऐसी कोई प्रतियोगितात्मक परीक्षा होगी, जिसमें सफलता अर्जित नहीं कर रहे। इसमें नितिश पोजटा का नाम भी शामिल हो गया है। पुख्ता आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, लेकिन इतना तय है कि लगभग एक दर्जन के करीब युवा प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में एचपीएस व एचएएस के पदों पर तैनात हैं। पिछले पांच सालों में ही दर्जनों युवा उच्च पदों पर आसीन हुए हैं।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में नितिश ने कहा कि मंजिल की तरफ कदम बढ़ाते रहना चाहिए। डगर कठिन हो सकती है, लेकिन इसके बाद जब सफलता मिलती है तो खुशियों का कोई ठिकाना नहीं रहता।