एमबीएम न्यूज़/ऊना
क्षेत्र के एक गांव में एक छात्र ने अपने ही अपहरण कुछ ऐसा नाटक रचा कि लोग हैरान रह गए,जबकि पुलिस और स्कूल प्रशासन काफी देर तक उलझे रहे। मिली जानकारी के अनुसार एक सरकारी स्कूल में दसवीं कक्षा में पढ़ने वाला छात्र घर से ड्रेस डालकर स्कूल के लिए शुक्रवार सुबह 7 बजे घर से निकला और स्कूल में पढ़ने हेतु हर रोज की तरह अकेले पैदल ही जा रहा था, फिर न जाने क्या उसके मन में आया कि उसने सुनसान जगह पर जाकर स्कूल न जानने की ठान ली।
छात्र ने अपने हाथ स्कूल टाई से, मुँह अपने रुमाल से और पैर जंगली बेल से बांध लिए। जब दस बजे का समय हुआ तो एक वृद्ध औरत जो वहां पशु चरा रही थी, ने छात्र को देखा और उसने इसके हाथ-मुँह खोले और उसने इसकी सूचना स्कूल प्रशासन को दी। जब स्कूल प्रशासन उसे लेने पहुंचा तो छात्र ने अपने गुरुजनो को भी नाटकीय कहानी सुना दी। छात्र की कहानी के अनुसार मोटर साईकिल पर सवार दो अज्ञात युवको ने उसे स्कूल आते वक्त सुबह रोक लिया और उसे जंगल की तरफ एक सुनसान जगह में ले गए। फिर उन्होंने उसका मुंह उसके ही रुमाल से बांध दिया, जबकि दोनों हाथ उसकी टाई से और पैर भी जंगली बेल से बांध दिए।
उसने बताया कि कुछ देर तक आरोपी वहीं पर रहे और किसी से फोन पर बातें करते रहे, परन्तु फिर अचानक उसे वहीं छोड़ कर भाग खड़े हुए। छात्र ने बताया कि तीन घंटे बाद लगभग 10 बजे वह सरकता हुआ थोड़ा रास्ते की तरफ पहुंचा। वहां पशु चरा रही उस बुजुर्ग महिला ने उसे देखा। स्कूल प्रशासन ने नाटकीय आपबीती सुनने के पश्चात इस घटना की प्रधानाचार्य की अगुवाई में स्थानीय पुलिस चौकी में लिखित शिकायत दी। कुछ देर वाद पंचायत पदाधिकारी भी चौकी पहुंच गए। जिस पर एक पुलिस अधिकारी की अगुवाई में घटनास्थल पर पुलिस टीम पहुंची और छात्र के बयान कलमबद्ध करना शुरू कर दिए।
पुलिस के समक्ष जब उक्त छात्र बार-बार बयान चेंज करने लगा तो पुलिस अधिकारी को उस पर शक हुआ। उन्होंने उसका पिछला स्कूल रिकॉर्ड देखा तो पाया कि उक्त छात्र अक्सर स्कूल से नदारद रहता है। पर पुलिस ने थोड़ी सख्ती से सच-सच बताने के लिए कहा तो उसने सब कुछ बता दिया और अपने अपहरण का झूठा नाटक करने की गलती भी मान ली। साथ ही भविष्य में इसे न दोहराने की बात की परन्तु पुलिस और स्कूल प्रशासन को इस छात्र ने खूब छकाया। इस घटनाक्रम से जहां अन्य बच्चों की पढ़ाई कुछ हद तक खराब हुई, वहीं पुलिस को भी माथापच्ची करनी पड़ी।
उधर एसएचओ सुशील कुमार ने बताया कि शुक्रवार को पुलिस को एक सरकारी स्कूल के छात्र को दो युवकों द्वारा सुनसान जगह पर ले जाकर बांधे जाने की शिकायत मिली थी, जिस बाबत पुलिस ने छानबीन की। लेकिन पुलिस जांच में उक्त छात्र ने झूठा नाटक करने की गलती कबूल ली। भविष्य ऐसा न करने की बात दोहराई, जिस पर पुलिस ने उसके भविष्य को ध्यान में रखते हुए छोड़ दिया गया।